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Career in Zoology: जानवरों से करते है प्यार तो बन जाएं जूलॉजिस्ट

यदि आप प्रकृति और वन्यजीवों में दिलचस्पी रखते हैं तो जीव विज्ञान में आपके लिए करियर के कई अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं। वह नौकरी करना ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिसमें अच्छा वेतन ही नहीं मिले, बल्कि आपका हर...

Career in Zoology: जानवरों से करते है प्यार तो बन जाएं जूलॉजिस्ट
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 11 Jun 2019 06:09 PM
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यदि आप प्रकृति और वन्यजीवों में दिलचस्पी रखते हैं तो जीव विज्ञान में आपके लिए करियर के कई अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं। वह नौकरी करना ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिसमें अच्छा वेतन ही नहीं मिले, बल्कि आपका हर दिन उत्साह से भरा हो। यह तब ही हो सकता है, जब वह नौकरी आपकी रुचि की हो। अगर आप जानवरों से विशेष लगाव रखते हैं, उनसे प्यार करते हैं तो आप जूलॉजिस्ट बनकर अपना करियर संवार सकते हैं। जीव विज्ञान का अध्ययन और उसमें शोध करने वाले विशेषज्ञों को जूलॉजिस्ट या जीव विज्ञानी कहा जाता है। इन्हें एनिमल बायोलॉजिस्ट नाम से भी जाना जाता है।जूलॉजिस्ट पशुओं के व्यवहार और उनसे जुड़ी तमाम प्रक्रियाओं जैसे रहने, खाने की आदत, उत्पत्ति, विकास और जीवन चक्र आदि का अध्ययन करते हैं।इसके अलावा वह पौधों, फंगस, वायरस, बैक्टीरिया, मछलियों, कीड़े-मकोड़ों, झींगों और समुद्री शैलों का भी अध्ययन करते हैं।.

काम का दायरा
जूलॉजिस्ट का काम मुख्य रूप से विभिन्न प्रजातियों के पशुओं, पक्षियों , स्तनधारियों, कीटों, मछलियों आदि की विशेषताओं और आदतों पर शोध करके रिपोर्ट तैयार करना होता है। इस कार्य में वह लैबोरेट्री में जीवों के डीएनए नमूने लेकर उनका डाटाबेस भी तैयार करते हैं। इससे उन्हें जीवों की विलुप्त हो चुकी प्रजातियों और लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी प्रजातियों पर शोध करने में सुविधा होती है।इसके अलावा वन्यजीवों के स्वास्थ्य और उनके संरक्षण के लिए योजानाएं तैयार करने में भी जूलॉजिस्ट अहम भूमिका निभाते हैं।

जूलॉजिस्ट आम जनता को किसी उद्यान के वैज्ञानिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक पहलुओं से अवगत कराने का काम भी करते हैं। पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों का विकास करना भी इनके कार्यों में शामिल है। अपनी रिसर्च में वह जीवों की उत्पत्ति, उनके आपसी व्यवहार, विभिन्नताओं , जीवन इतिहास, बीमारियों, विकास, जेनेटिक्स और उनके विस्तार आदि पर भी गहन शोध करते हैं।

स्पेशलाइजेशन का मौका
मास्टर डिग्री स्तर पर पढ़ाई करने के दौरान कई विषयों में से किसी एक को स्पेशलाइजेशन के रूप में चुनने के भी काफी विकल्प उपलब्ध हैं। आप अपनी मनपसंद के जीवों पर शोध करके उस विषय में एक्सपर्ट भी हो सकते हैं। ऐसे विशेषज्ञों को फिर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उदाहरण के लिए जो जूलॉजिस्ट पक्षियों पर शोध करते हैं उन्हें ऑर्निथोलॉजिस्ट कहते हैं, जो मछलियों पर शोध करते हैं, उन्हें इकथियोलॉजिस्ट,जल और स्थल पर रहने वाले प्राणियों पर शोध करने वालों को हर्पेटोलॉजिस्ट और स्तनधारियों पर शोध करने वालों को मैमोलॉजिस्ट कहा जाता है।.

इन पदों पर मिल सकता है रोजगार.
- इंवायरन्मेंटल कंसल्टेंट और कंजर्वेशनिस्ट
- जर्नलिस्ट.
- बायोलॉजिकल लैबोरेट्री टेक्निशियन या जू कीपर.
- शिक्षक और शोधार्थी.
- वाइल्डलाइफ एजुकेटर और रीहैब्लिटेटर.

जूलॉजिस्ट के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के संस्थानों में नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं।सरकारी एजेंसियों में वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट, कंजर्वेशन या एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में काम कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर प्राइवेट सेक्टर में फार्मास्यूटिकल कंपनी या बायोलॉजिकल सप्लाइ हाउसेज (जो एनिमल स्पेसीमेंस को लैबोरेट्री में सप्लाई करते हैं) में काम कर सकते हैं। म्यूजियम और चिड़ियाघरों में भी जूलॉजिस्टों की जरूरत होती है।

शैक्षणिक योग्यता
जूलॉजिस्ट बनने के लिए जूलॉजी या संबंधित विषयों में मास्टर्स डिग्री प्राप्त करना जरूरी है।इसमें उन्हीं छात्रों को प्रवेश मिलता है, जो बैचलर डिग्री में बायोलॉजी पढ़ चुके हों।ग्रेजुएशन में इंवायरन्मेंटल साइंस, नेचुरल साइंस और बायोलॉजी के साथ जूलॉजी विषय भी होना चाहिए।.

यहां मिल सकता है शोध का काम
देश में ऐसे कई नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट और सरकारी विभाग हैं जहां पर जूलॉजिस्टों के लिए रोजगार के काफी अवसर मौजूद हैं। इनमें से कुछ प्रमुख संस्थान हैं-.

- ओशियानोग्राफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट.
- द नेशनल कलेक्शन फॉर इंसेक्ट्स.
-  डिपार्टमेंट्स ऑफ एग्रीकल्चर, वॉटर अफेयर्स एंड इंवायरन्मेंटल अफेयर्स .
-  म्यूजियम.
- चिड़ियाघर.
- द नेशनल पार्क्स बोर्ड .
- प्रोविंशियल नेचर कंजर्वेशन डिपार्टमेंट्स

व्यक्तिगत कौशल.
पर्यावरण और पशुओं में रुचि 
चीजों को वास्तविक संदर्भ में समझने की शाक्ति.
समस्याओं को सुलझाने की काबिलियत.
धैर्य, समर्पण और देर तक काम पर केंद्रित रहने की क्षमता.
शोध परियोजनाओं में मिले तथ्यों व आंकड़ों को सुनियोजित तरीके से सहेजने और उन्हें विश्लेषित करने की योग्यता 
प्रभावी संवाद कौशल और लेखन क्षमता.

-     चीजों को ध्यान से देखने और परखने की काबिलियत.

-    दबाव की परिस्थितियों में भी अनुशासन के साथ काम में जुटे रहने की लगन.

बीएससी जूलॉजी कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान.
- दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, नई दिल्ली 
- गार्डन सिटी कॉलेज, इंदिरा नगर, बेंगलुरु 
- साउथ एसएसएमआरवी कॉलेज, जया नगर, बेंगलुरु 
- आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, दिल्ली

- मैत्रेयी कॉलेज, दिल्ली

- देशबंधु कॉलेज, दिल्ली 
- श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली 
- सेंट अलबर्ट्स कॉलेज, कोची

- पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज ऑफ साइंस, हैदराबाद 
- किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली

- लोयोला कॉलेज, चेन्नई

- हंस राज कॉलेज, दिल्ली 
- डीजी रूपरेल कॉलेज, मंबई 
- विल्सन कॉलेज, मुंबई 

- सेंट अन्स कॉलेज, हैदराबाद 
- उस्मानिया यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर वूमेन 
- मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज

- विवेकानंद कॉलेज, कोलकाता 
- सेंट पीटर्स कॉलेज, केरल 
- आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापटनम.
 

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