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World Human Rights Day 2022 : मानवाधिकार दिवस पर जानें इसका महत्व, इतिहास और थीम

World Human Rights Day: हर साल 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के तौर पर मनाया जाता है। सबसे पहले 10 दिसंबर 1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों को अपनाने की घोषणा की।

World Human Rights Day 2022 : मानवाधिकार दिवस पर जानें इसका महत्व, इतिहास और थीम
Pankaj Vijayलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 10 Dec 2022 07:13 AM

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World Human Rights Day 2022: हर साल 10 दिसंबर का दिन दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के तौर पर मनाया जाता है। सबसे पहले 10 दिसंबर 1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों को अपनाने की घोषणा की। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस दिन की घोषणा वर्ष 10 दिसंबर, 1950 में की गई। संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों को 1950 में आमंत्रित किया, जिसके बाद असेंबली ने 423 (V) रेज्योल्यूशन पास कर सभी देशों और संबंधित संगठनों को इस दिन को मनाने की सूचना जारी की थी। 

मानवाधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता। मानवाधिकार दिवस मनाने का मकसद लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार भी शामिल हैं। मानव अधिकार इंसान को जन्म से ही प्राप्त है। इन्हें पाने में जाति, लिंग, धर्म, भाषा, रंग तथा राष्ट्रीयता आड़े नहीं आते। 

World Human Rights Day Theme 2022 : इस बार की थीम
मानवाधिकार दिवस 2022 की थीम है - सभी के लिए प्रतिष्ठा, स्वतंत्रता और न्याय। घोषणापत्र और डब्ल्यूएचओ का संविधान दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि स्वास्थ्य सभी लोगों के लिए एक मौलिक मानव अधिकार है।

भारत में मानवाधिकार
भारत के संविधान में मानवाधिकार की गारंटी दी गई है। भारत में शिक्षा का अधिकार इसी गारंटी के तहत है। हमारे देश में 28 सितंबर, 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया और सरकार ने 12 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया।

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