कदम-कदम पर महिलाओं को झेलना पड़ता है भेदभाव
आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं घर से बाहर निकलकर नौकरी भी करें तो उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे घर की जिम्मेदारी पूरी करें। हर क्षेत्र में उनसे अपेक्षाएं तो ज्यादा हैं पर अधिकार और पारिश्रमिक में भेदभाव...
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 11 Oct 2019 01:18 PM
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आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं घर से बाहर निकलकर नौकरी भी करें तो उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे घर की जिम्मेदारी पूरी करें। हर क्षेत्र में उनसे अपेक्षाएं तो ज्यादा हैं पर अधिकार और पारिश्रमिक में भेदभाव होता है।
खास आंकड़े-
- 65.46 फीसदी है महिलाओं की साक्षरता दर भारत में, पुरुषों की 82.46 फीसदी
- 23 प्रतिशत बच्चियों को हर साल स्कूल बीच में ही छोड़ना पड़ता है, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार
- 74.6 फीसदी महिलाएं उच्च शिक्षा में नहीं जाती, प्राथमिक स्तर पर लड़कियों का नामांकन 100 प्रतिशत
- 48.5% महिलाएं कुल आबादी में लेकिन 27.4 प्रतिशत महिलाएं ही भारत के वर्कफोर्स में यून के मुताबिक
घर से बाहर निकलते ही छिनने लगते हैं हक
- 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है भारत की जीडीपी में जबकि वैश्विक औसत 37 प्रतिशत है
- 53.9 प्रतिशत है भारत में महिलाओं के खिलार्फ हिंसा
- 40 प्रतिशत महिलाएं कृषि क्षेत्र से जुड़ी हैं
- 80 प्रतिशत भारतीय महिला इंटरनेट से दूर आईएमएफ के अनुसार
- 90 प्रतिशत भारतीय महिलाएं आमदनी का 90 प्रतिशत परिवार पर खर्च करती है
भारत मोबाइल उपभोक्ताओं का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यहां 82.90 करोड़ लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इनमें 17.4 प्रतिशत महिलाओं के नाम से ही सिम कार्ड
सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक
- 106 बलात्कार महिलाओं के साथ यहां रोज 2016 का आंकड़ा
- एसिड अटैक की घटनाओं में 72 प्रतिशत मामलों में महिलाएं शिकार
- यूएन के मुताबिक लैंगिक असमानता की खाई को पाटने के लिए भारत को 2025 तक 700 अरब डॉलर की जरूरत
- महिलाओं को 34 प्रतिशत कम वेतन मिलता है