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कोरोना से डर के कारण विश्व भारती के कर्मचारियों को नहीं मिली सैलेरी! 

पश्चिम बंगाल के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय - शांति निकेतन में विश्व भारती के प्रोफेसरों और कर्मचारियों को जून के महीने के लिए अपना वेतन अभी तक नहीं मिला है। इसकी वजह  कोविड-19 का डर बताई जा...

कोरोना से डर के कारण विश्व भारती के कर्मचारियों को नहीं मिली सैलेरी! 
एचटी ,कोलकाता Wed, 08 Jul 2020 04:35 PM
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पश्चिम बंगाल के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय - शांति निकेतन में विश्व भारती के प्रोफेसरों और कर्मचारियों को जून के महीने के लिए अपना वेतन अभी तक नहीं मिला है। इसकी वजह  कोविड-19 का डर बताई जा रही है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 7 जुलाई को एक नोटिस जारी कर कहा था कि केंद्रीय प्रशासनिक भवन के दोबारा खुलने के बाद वेतन जारी किया जाएगा। जून-अंत में सैनेटाइजेशन के लिए बिल्डिंग को बंद कर दिया गया है।
विश्व भारती विश्वविद्यालय फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदिप्ता भट्टाचार्य ने 5 जुलाई को वेतन में देरी को लेकर 5 जुलाई को आरटीआई दर्ज की थी। इस मामले पर दो अलग-अलग विभागों के प्रमुखों ने कहा कि प्रशासनिक भवन को जून-अंत में बंद करना पड़ा था, क्योंकि लेखा विभाग में दो कर्मचारियों को बुखार के साथ पता चला था।
एक सहायक प्रोफेसर ने नाम न छापने की शर्तों पर बताया "मैंने माना कि क्या उन्होंने कोविड -19 के खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर इमारत को 29 जून के आसपास बंद कर दिया गया था। हमें बताया गया था कि कुछ दिनों में सैनेटाइजेशन के बाद, 29 जून से लगभग दो सप्ताह बाद  भवन खुल जाएगा।
हालांकि, 7 जुलाई को जारी किए गए पत्र पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने चुप्पी साधे रखी, जबकि एक्टिंग रजिस्ट्रार आशा मुखर्जी ने कहा कि वह मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं और केवल प्रवक्ता ही बोलेंगे। 
आमतौर पर कर्मचारियों को हर महीने के अंत तक अपना वेतन और पेंशन प्राप्त मिल जाता है। यहां 3500 से अधिक लोग हैं , जो वेतन और पेंशन प्राप्त करते हैं, जिनमें कर्मचारी, संकाय, सुरक्षाकर्मी और अन्य लोगों के पेंशनर्स शामिल हैं। एक अन्य सहायक प्रोफेसर का कहना है “ इस बार हमें अपना वेतन मिला। हमें यह भी नहीं बताया गया है कि हमें कब वेतन मिलेगा। हमें सिर्फ यह बताया गया था कि केंद्रीय प्रशासनिक भवन के पूर्ण सैनेटाइजेशन के  बाद फिर से हमारा वेतन मिलेगा” फरवरी में विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक नोटिस जारी किया है कि धन की कमी के कारण वेतन में देरी हो सकती है। इसपर केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने प्रबंधन से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा था।
 

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