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Uttar Pradesh: दूसरे के प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रहे चार फर्जी शिक्षक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2009 से सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया है। चारों गुरुवार...

Uttar Pradesh: दूसरे के प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रहे चार फर्जी शिक्षक गिरफ्तार
प्रमुख संवाददाता,लखनऊFri, 26 Oct 2018 11:00 AM
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उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2009 से सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया है। चारों गुरुवार को बलरामपुर जिले से गिरफ्तार किए गए। 

इनमें से तीन के विरुद्ध बलरामपुर कोतवाली में धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। एक के विरुद्ध पहले से ही मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तार अभियुक्तों में शम्भू सरन पाण्डे उर्फ सौरभ कुमार पुत्र आद्या प्रसाद पाण्डेय निवासी पिकौरा बक्ष जिला बस्ती, जीवन ज्योति शुक्ला पुत्र रामचन्द्र शुक्ला निवासी ओरीजोत थाना कोतवाली नगर जिला बस्ती, विन्देश्वरी प्रसाद तिवारी उर्फ शशिकेश पुत्र लवकुश तिवारी निवासी खमरिया थाना त्रिलोकपुर जिला सिद्धार्थनगर तथा मनोज यादव उर्फ संजय यादव पुत्र शिवशंकर यादव निवासी दुबौली थाना कोतवाली जिला महराजगंज शामिल हैं। इनके कब्जे से एसटीएफ ने 5 मोबाइल फोन, 5800 रुपये नकद, एक एटीएम कार्ड, एक निर्वाचन कार्ड, एक गैस उपभोक्ता कार्ड तथा एक स्विफ्ट डिजायर कार बरामद किया है। 

 इस तरह खुला फर्जीवाड़े का राज 
दरअसल एसटीएफ को काफी दिनों से बेसिक शिक्षा विभाग में दूसरे के शैक्षिक प्रमाणपत्रों का प्रयोग करके उसी व्यक्ति के नाम पर नौकरी करने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं। इस सूचना पर एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने डीएसपी सत्यसेन यादव को जांच के निर्देश दिए। जांच के दौरान पता चला कि बलरामपुर के प्राथमिक विद्यालय मढनी पर सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत सौरभ पाण्डेय (वास्तविक नाम शम्भू सरन पाण्डेय) ने सौरभ कुमार पाण्डेय सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यायल पुदुमपुर रामराय क्षेत्र जखनिया जिला गाजीपुर के प्रमाणपत्रों का प्रयोग कर बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति हासिल की थी। वास्तविक सौरभ कुमार पाण्डेय सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यायल पुदुमपुर रामराय क्षेत्र जखनिया जिला गाजीपुर में वर्ष 2009 में विशिष्ट बीटीसी के आधार पर महराजगंज जिले में नियुक्त हुए थे। शशिकेश तिवारी सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय सठनी (वास्तविक नाम बिन्देश्वरी प्रसाद तिवारी) ने शशिकेश तिवारी पुत्र चन्द्र भूषण तिवारी सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय चरभरिया क्षेत्र निचलौल जिला महराजगंज के प्रमाणपत्रों का प्रयोग कर बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति हासिल की थी। उधर, वास्तविक शशिकेश तिवारी पुत्र चन्द्र भूषण तिवारी सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय चरभरिया क्षेत्र निचलौल जिला महराजगंज की प्रथम नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय परसिया खुर्द क्षेत्र फरेंदा जिला महराजगंज में हुई थी। 

जीवन ज्योति शुक्ला पुत्र रामचन्द्र शुक्ला निवासी ओरीजोत थाना कोतवाली नगर जिला बस्ती ने बताया कि मैंने अपने शैक्षिक प्रमाणपत्रों में हेराफेरी कर के अंकों को बढ़ाकर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर नियुक्ति प्राप्त कर ली थी। सहायक अध्यापक संजय यादव (वास्तविक नाम मनोज यादव) के विरुद्ध थाना कोतवाली जिला बलरामपुर में धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा पहले से ही पंजीकृत है। 

पूछताछ में बड़े रैकेट का हुआ खुलासा 
गहराई से की गई पूछताछ में मनोज यादव पुत्र शिव शंकर यादव निवासी दुबौली थाना कोतवाली जिला महराजगंज ने बताया कि वह अपने गांव के राजन तिवारी पुत्र शारदा तिवारी के माध्यम से जो कि स्वयं मनोज कुमार दूबे के नाम से प्राथमिक विद्यालय गोडसीपुर रेहरा बाजार जिला बलरामपुर में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त हैं, ने उसका परिचय मनोज जायसवाल निवासी सेमरी ढ़ाडी खजनी गोरखपुर से 2009 में परिचय करवाया था। मनोज जायसाल ने वर्ष 2009 में ही मेरी नियुक्ति फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर संजय यादव के नाम से बलरामपुर जिले में करा दी। इसी तरह विन्देश्वरी प्रसाद तिवारी पुत्र लवकुश तिवारी निवासी खमरिया थाना त्रिलोकपुर जिला सिद्वार्थनगर ने बताया कि वह वर्ष 2009 में सफाईकर्मी के पद पर भर्ती हो गया था। उसने भी मनोज जायसवाल के माध्यम से शशिकेश तिवारी के नाम से फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज प्राप्त नौकरी हासिल की थी और वर्तमान में बलरामपुर जिले में नौकरी कर रहा था। अभियुक्तों ने पूछताछ में यह भी बताया कि मनोज जयसवाल के बइनोई तुलसी राम प्राथमिक विद्यालय लैबुडवा भोजपुर गैसड़ी नियुक्त थे। वह भी फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। मनोज जायसवाल के भाई प्रमोद जायसवाल भी फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर कुशीनगर जिले में नौकरी कर रहे हैं। जीवन ज्योति शुक्ला पुत्र राम चन्द्र शुक्ला निवासी ओरीजोत थाना कोतवाली नगर जिला बस्ती ने बताया कि मैंने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्रों में हेराफेरी कर के अंकों को बढ़ाकर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर नियुक्ति प्राप्त कर ली थी। उसकी पत्नी भवानी प्राथमिक विद्यालय गैरासबुजुर्ग में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रही हैं। उसके रिश्तेदार ईष्टदेव पाण्डेय तुलसीपुर ब्लाक में तथा मनोज दुबे गैडास बुजुर्ग ब्लाक में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। 

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