उत्तर प्रदेश: दारोगा भर्ती में अनियमितता पर सरकार से जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक प्लाटून कमांडर व अग्निशमन ब्रिगेड भर्ती में अनियमितता को लेकर दाखिल याचिकाओं पर राज्य सरकार से एक माह में जवाब मांगा है और कहा है कि चयन परिणाम याचिका के निर्णय...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक प्लाटून कमांडर व अग्निशमन ब्रिगेड भर्ती में अनियमितता को लेकर दाखिल याचिकाओं पर राज्य सरकार से एक माह में जवाब मांगा है और कहा है कि चयन परिणाम याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा। याचिकाओं की सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।
यह आदेश न्यायामूर्ति यशवन्त वर्मा ने प्रयागराज के आशुतोष राय सहित 200 अभ्यर्थियों की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एमडी सिंह शेखर ने बहस की।
याची का कहना है कि पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2016 में भर्ती विज्ञापन निकाला। लिखित परीक्षा में 50 फीसदी अंक से अधिक पाने वालों को ही शारीरिक दक्षता परीक्षा में बुलाया जाना था। याचीगण को लिखित परीक्षा में 50 फीसदी से अधिक अंक मिले होने के कारण शारीरिक दक्षता के लिए बुलाया गया। 28 फरवरी 2019 को घोषित परिणाम में यह कहते हुए याचियों को चयन में शामिल नहीं किया गया कि वे सभी लिखित परीक्षा में नार्मलाइजेशन के बाद असफल पाए गए हैं। याचियों का कहना है कि चयनित सूची में में ऐसे तमाम लोग शामिल हैं जिन्होंने लिखित परीक्षा में 50 फीसदी से कम अंक प्राप्त किए थे। भर्ती बोर्ड में मनमानी प्रक्रिया अपनाते हुए सफल अभ्यर्थियों को चयन से बाहर कर दिया गया है। कोर्ट ने सरकार व भर्ती बोर्ड को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।