US Visa Rules: ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद विदेशी छात्रों में अमेरिका के लिए उत्साह हुआ कम

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आव्रजन प्रणाली में बदलाव किए जाने के बाद भारत समेत विदेशी छात्रों के बीच अमेरिका में पढ़ाई करने का पहले जैसा उत्साह नहीं रहा है। उन्हें अमेरिका में पढ़ाई पूरी होने...

offline
US Visa Rules: ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद विदेशी छात्रों में अमेरिका के लिए उत्साह हुआ कम
Alakha Singh एजेंसी , शिकागो (अमेरिका)
Mon, 26 Oct 2020 3:07 PM

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आव्रजन प्रणाली में बदलाव किए जाने के बाद भारत समेत विदेशी छात्रों के बीच अमेरिका में पढ़ाई करने का पहले जैसा उत्साह नहीं रहा है। उन्हें अमेरिका में पढ़ाई पूरी होने को लेकर अंदेशा रहता है।

अंतरराष्ट्रीय शिक्षक संघ (एनएएफएसए) के मुताबिक, मौटे तौर पर करीब 53 लाख छात्र दूसरे देशों में पढ़ाई करते हैं। इसमें 2001 के बाद से दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 2001 में 28 फीसदी थी जो पिछले साल घटकर 21 प्रतिशत रह गई है।

शिकागो विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एलान क्रैम्ब लोगों को भर्ती करने के लिए भारत के प्रौद्योगिकी केंद्र बेंगलुरु की यात्रा पर गए थे। उन्होंने सिर्फ छात्रवास या ट्यूशन के बारे में ही सवालों के जवाब नहीं दिए, बल्कि उन्हें अमेरिका के कार्य वीजा के बारे में भी बताना पड़ा।

ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के शुरुआती महीनों में माता-पिता के साथ हुआ यह सत्र अव्यवस्थित हो गया था। ट्रंप ने अपने पहले भाषण में “ अमेरिका फर्स्ट “ का आह्वान किया, दो यात्रा प्रतिबंध लगाए, एक शरणार्थी कार्यक्रम स्थगित किया और कामगार वीजा सीमित करने का संकेत दिया, जिसका भारतीय व्यापक तौर पर इस्तेमाल करते हैं। इससे माता-पिता को अमेरिका में अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अंदेशा हुआ।

इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीज की अगुवाई करने वाले क्रैम्ब ने कहा, “यहां कुछ भी नहीं हो रहा है जिसे दुनिया भर में देखा या उसकी व्याख्या नहीं की जा रही है।“

शीर्ष के विश्वविद्यालयों और नौकरी के अच्छे अवसरों की बदौलत अमेरिका विदेशी छात्रों की पहली पसंद होता था। 2016 से नए दाखिलों में कमी आनी शुरू हुई जिसका अनुमान छात्र वीजा को सीमित करना, अन्य देशों से प्रतिस्पर्धा और कोरोना वायरस को लेकर अनुचित प्रतिक्रिया के मद्देनजर था। इसका व्यापक असर कर्मचारियों की संख्या पर पड़ेगा। ट्रंप ने अमेरिकी के किसी भी अन्य राष्ट्रपति की तुलना में आव्रजन प्रणाली को काफी बदला है।

इससे कॉलेजों को डर है कि उनके यहां छात्रों की संख्या कम होगी जबकि कंपनियां प्रतिभाएं खोने के डर से फिक्रमंद हैं। जो भी हो, अमेरिका वैश्विक स्तर पर अपनी चमक खोता हुआ दिख रहा है। भारत की 22 वर्षीय प्रियदर्शनी अलागिरी ने कहा, “मुझे लगता है कि मैं अपने देश में ज्यादा ठीक हूं।“ वह आईआईटी से इलेक्ट्रिकल एवं कंप्यूटर इंजीनियरिंग में परास्नातक कर रही हैं।

नाइजीरिया के कालाबार में उच्च विद्यालय से हाल में पढ़ाई पूरी करने वाली डोडआई इवा कहती हैं कि अमेरिका अब पहले जितना आकर्षक नहीं रहा है। “नेशनल स्टूडेंट क्लीयरिंग हाउस रिसर्च सेंटर“ ने विदेशी छात्रों की संख्या में 13.7 फीसदी की कमी बताई है।

इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एवं आर्किटेक्चर जैसे पाठ्यक्रमों के लिए मशहूर शिकागो विश्वविद्यालय में 2016 से 2018 के बीच विदेशी छात्रों की संख्या में 25 फीसदी की कमी आई है। एनएएफएसए के निदेशक आर बैंक्स ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध और अन्य चीजों से अनिश्चितता बढ़ी है।

ऐप पर पढ़ें

करियर की अगली ख़बर पढ़ें
NAFSA Reduced Foreign Students In US US Visa Rules President Trump
होमफोटोवीडियोफटाफट खबरेंएजुकेशनट्रेंडिंग ख़बरें