UPTET 2018 में गलत सवाल: लाखों रुपये लेकर गलत प्रश्न दे रहे विशेषज्ञ, योग्यता पर उठा सवाल
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2018 की संशोधित उत्तरकुंजी जारी होने के साथ ही प्रश्नपत्र बनाने वाले विशेषज्ञों की योग्यता सवालों में है। प्राथमिक स्तर के पेपर में एक सवाल गलत है और...
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2018 की संशोधित उत्तरकुंजी जारी होने के साथ ही प्रश्नपत्र बनाने वाले विशेषज्ञों की योग्यता सवालों में है। प्राथमिक स्तर के पेपर में एक सवाल गलत है और पांच के उत्तर बदले गये। उच्च प्राथमिक में तीन सवालों के जवाब बदले गये हैं। 2017 की टीईटी में संस्कृत और उर्दू विषय के एक-एक सवाल गलत थे।
यह स्थिति तब है जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज की ओर से टीईटी के प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसरों और विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों को बुलाया जाता है। पेपर सेट करने और मॉडरेशन के लिए विशेषज्ञों को लाखों रुपये मानदेय के रूप में मिलते हैं। लेकिन ये विशेषज्ञ 150 सवाल सही नहीं पूछ पाते। इसका सबसे अधिक नुकसान बेरोजगारों को होता है। पहले तैयारियों में दिनरात एक कर देते हैं और रिजल्ट आने पर अदालतों के चक्कर काटते रहते हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं टीईटी 2017 में पाठ्यक्रम से बाहर के 14 सवाल पूछने का विवाद नहीं सुलझा। जबकि रिजल्ट 15 दिसंबर 2017 को आया था।
UPTET 2018: आंसर-की पर विवाद होना तय, हाईकोर्ट जाएंगे अभ्यर्थी
UPTET:उत्तरमाला जारी होने के बाद, एक सवाल निरस्त और आठ के बदले उत्तर
प्रतियोगी छात्रों के मुताबिक इन प्रश्नों को लेकर हो सकता है विवाद
- कौन स्वर हृस्व नहीं होता है?
- दृश्य से अदृश्य की ओर।
- निम्न में से कौन सा संवेग का तत्व नही है।
- इनमें से कौन वर्तमान राष्ट्रपति महिला आयोग की अध्यक्षा है।
- कोहलर यह सिद्ध करना चाहता है कि निम्न में से कौन सी बाद की बाल्यावस्था के बौद्धिक विकास की विशेषता नहीं है।
- व्याकरण की दृष्टि से कौन सा शब्द अशुद्ध है।
- निम्न में पुल्लिंग शब्द का चयन कीजिए।
- अस्मद शब्द का षष्ठी बहुवचन रूप है।