UPSSSC: इंटरव्यू पैटर्न में हुए बदलाव, अब नाम से नहीं, सिर्फ रोल नंबर से होगा साक्षात्कार
सरकारी नौकरी पाने के लिए जोड़तोड़ का सहारा लेने वालों की अब दाल नहीं गलेगी। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने साक्षात्कार लेने की पुरानी प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। नई व्यवस्था में...
सरकारी नौकरी पाने के लिए जोड़तोड़ का सहारा लेने वालों की अब दाल नहीं गलेगी। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने साक्षात्कार लेने की पुरानी प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। नई व्यवस्था में अभ्यर्थियों से उनका नाम, पता नहीं पूछा जाएगा। साक्षात्कार के लिए बनने वाले पैनल के पास सिर्फ रोलनंबर की सूची होगी और इसके आधार पर ही यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इतना ही नहीं, इसके लिए बनने वाला पैनल भी चंद मिनट पहले घोषित होगा।
राज्य सरकार ने समूह ग तक की भर्ती में साक्षात्कार समाप्त कर दिया है, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया में यह व्यवस्था लागू है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग रुकी भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरी कर लेना चाहता है। इसीलिए चरणबद्ध तरीके से साक्षात्कार लेने का कार्यक्रम घोषित किया जा रहा है। आयोग चाहता है कि साक्षात्कार प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो। इसलिए इसमें कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं।
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साक्षात्कार सिर्फ उनके रोलनंबर के आधार पर
आयोग की नई व्यवस्था के मुताबिक अभ्यर्थियों का साक्षात्कार सिर्फ उनके रोलनंबर के आधार पर होगा। साक्षात्कार से 30 मिनट पहले इसके लिए पैनल बनाया जाएगा। इसमें एक बोर्ड सदस्य के साथ दो विशेषज्ञ समेत तीन लोग होते हैं। बोर्ड सदस्य के साथ कौन विशेषज्ञ होगा यह भी अब उसी समय बताया जाएगा, जब साक्षात्कार शुरू होने वाला होगा। इतना ही रोटेशन के आधार पर पैनल में बदलाव किया जाएगा, जिससे साक्षात्कार से पहले कोई जुगाड़बाजी न चल सके। अगर कोई कर भी ले तो वह चाहकर भी साक्षात्कार में उसे मनचाहा नंबर न दे सके।
आयोग का मानना है कि नई व्यवस्था से धांधली की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाएगी। इसमें भाई, भतीजावाद, जातिधर्म और क्षेत्रवाद के नाम पर किसी को पास नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही पैनल में शामिल होने वाले विषय विशेषज्ञों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी रखी गई है। आयोग के अध्यक्ष सदस्यों की मौजूदगी में उनसे राय के बाद ही विशेषज्ञों का चयन कर रहे हैं।
सीबी पालीवाल (अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) ने कहा- भर्ती प्रक्रिया में धांधली रोकने के लिए यह बदलाव किया गया है। नाम, पता और जब यह नहीं मालूम होगा कि किस पैनल में किसका साक्षात्कार होना है, तो जोड़तोड़ का भी फायदा नहीं मिलेगा। आयोग की मंशा पात्र युवाओं को नौकरी देना है और जोड़तोड़ के सहारे आने वालों को रोकना है। इसलिए नित नए संशोधन किए जा रहे हैं।