UPSSSC: नलकूप चालक भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के 11 सदस्य गिरफ्तार
मेरठ एसटीएफ टीम ने यूपीएसएससी द्वारा आयोजित नलकूप चालक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराकर नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए शनिवार रात 11 आरोपियों को धरा है। गिरोह का सरगना अमरोहा के प्राथमिक...
मेरठ एसटीएफ टीम ने यूपीएसएससी द्वारा आयोजित नलकूप चालक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराकर नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए शनिवार रात 11 आरोपियों को धरा है। गिरोह का सरगना अमरोहा के प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक है।
नलकूप चालक भर्ती परीक्षा दो सितंबर को पूरे प्रदेश में कई परीक्षा केंद्र पर आयोजित होनी थी। इसी दौरान पेपर लीक कर दिया गया। इसकी भनक लगी तो यूपी एसटीएफ टीमों को काम पर लगाया गया। मेरठ एसटीएफ टीम ने शनिवार रात सदर बाजार इलाके में कैंट स्टेशन के पास उमराव एनक्लेव से 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों में से चार अभ्यर्थी हैं, जो इस परीक्षा में बैठने वाले थे। एसटीएफ टीम ने मौके से तीन हस्तलिखित आंसरशीट, पांच एडमिट कार्ड, 13 मोबाइल फोन, 14 लाख 80 हजार रुपये, एक बोलेरो गाड़ी बरामद की है।
प्राइमरी स्कूल में शिक्षक है सरगना सचिन
इन आरोपियों में गिरोह का सरगना सचिन भी पकड़ा गया। वह मूल रूप से किला परीक्षितगढ़ के एत्मादपुर का रहने वाला है और अमरोहा में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है। सचिन ने खुलासा किया कि उसे मेरठ निवासी एक युवक पेपर लीक करके देता था। इसके बाद वह अभ्यर्थियों को परीक्षा प्रश्नपत्र के उत्तर याद कराता था। एक अभ्यर्थी से सचिन तीन से पांच लाख रुपये एडवांस लेता था। परीक्षा के बाद भी करीब इतनी ही रकम और ली जाती थी। सचिन ने बताया कि वह पिछले कई साल से इस धंधे से जुड़ा है।
प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ नलकूप भर्ती परीक्षा का पेपर
सचिन चौधरी ने एसटीएफ की पूछताछ में यह बात कुबूली है कि नलकूप चालक भर्ती परीक्षा का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ है। उसे यह पेपर एक व्यक्ति ने दिया था। उधर, आयोग के एक बड़े अधिकारी को भी परीक्षा शुरू होने से करीब 12 घंटे पहले यह पेपर व्हाट्स एप पर पहुंच गया था। आयोग की शुरुआती जांच में प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने की बात सामने आई है। पता कराया जा रहा है कि पेपर की छपाई किस-किस प्रिंटिंग प्रेस पर हुई।
अभी पर्दे के पीछे है पेपर लीक करने वाला मास्टरमाइंड
प्रतियोगी परीक्षाओं और नलकूप चालक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने वाला असली मास्टरमाइंड अभी तक पर्दे के पीछे है। सचिन को ये ही मास्टरमाइंड पेपर लीक करने के बाद उपलब्ध कराता था। एसटीएफ के रडार पर अभी गिरोह के अन्य सदस्य भी हैं, जो अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले लेकर सचिन और उसके साथियों के पास पहुंचते थे। इस पूरे गिरोह का नेटवर्क तोड़ने के लिए सचिन के मोबाइल और डायरी का ही इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें ज्यादातर जानकारी है।