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UPSC Prelims 2021 : यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स में तीन महीने बाकी, यूं बनाएं रणनीति

UPSC Prelims 2021 : यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में करीब तीन महाने का वक्त बचा है। पहले यह परीक्षा 27 जून को आयोजित होने वाली थी लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया। नई...

UPSC Prelims 2021 : यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स में तीन महीने बाकी, यूं बनाएं रणनीति
रोहित जैन,नई दिल्लीFri, 09 Jul 2021 05:11 PM

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UPSC Prelims 2021 : यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में करीब तीन महाने का वक्त बचा है। पहले यह परीक्षा 27 जून को आयोजित होने वाली थी लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया। नई तिथि 10 अक्टूबर तय होने से यूपीएससी अभ्यर्थियों को 100 दिन का समय और मिल गया। अगर देखा जाए तो ये 100 दिन अभ्यर्थियों के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। परीक्षा में 100 दिन का गैप किसी अभ्यर्थी की कमजोर तैयारी को पैना बना सकता है और किसी अभ्यर्थी की मजबूत तैयारी को लक्ष्य से भटका भी सकता है। 

अगर प्रीलिम्स की बात करें तो जून तक की तैयारी के आधार पर दो कैटेगरी के अभ्यर्थी होंगे - 

पहला, जिन्हें पूरा यकीन है कि उनका प्रीलिम्स नहीं निकलेगा। वह इसे केवल अटेम्प्ट के तौर पर दे रहे हैं। 
दूसरी कैटेगरी में वे अभ्यर्थी होंगे, जिन्हें परीक्षा पास करने की उम्मीद दिख रही होगी। इन्हें पूरा यकीन होगा कि अगर जून में एग्जाम हो जाए तो इनके पास होने के काफी चांस हैं।  

अगर आप पहली कैटेगरी में हैं तो ये आपके लिए गोल्डन टाइम है। इसे मौके को यूं ही जाया न होने दें। इस मौके को भुनाएं। आपको मई 2020 से 10 सितंबर 2021 तक के करंट अफेयर्स अच्छी तरह पढ़ लेने चाहिए। पॉलिटी, एनवायरनमेंट, ज्योग्राफी, इकोनॉमिक्स, हर तरह के कंरट अफेयर्स पर फोकस करें। रोजाना 100 एमसीक्यू की प्रैक्टिस करें। हर सप्ताह इनकी रिवीजन भी सुनिश्चित करें। मकसद होना चाहिए कि आप इतना सिलेबस कवर कर लें कि प्रश्न पत्र में 50 से 60 प्रश्न आत्मविश्वास के साथ हल कर लें। 

और अगर आप सेकेंड कैटेगरी में हैं तो इस अतिरिक्त समय में अपनाई गई गलत रणनीति आफको रिस्क में डाल सकती है। इस वक्त आप अपने स्ट्रेंथ वाले विषय पर फोकस बनाए रखें। साथ ही कोई एक ऐसा विषय पकड़ लें जिसमें आप कमजोर हैं। अगर आपकी स्ट्रेंथ पॉलिटी है और हिस्ट्री व ज्योग्राफी में आप कमजोर हैं तो आप पॉलिटी पर अपनी कमांड बनाए रखें। हिस्ट्री और ज्योग्राफी पर मजबूती हासिल करने की कोशिश करें। अगर आप इस दौरान अपनी तैयारी फिर से शुरू करने की कोशिश करेंगो तो आप अपने स्ट्रॉन्ग प्वॉइन्ट्स भी कमजोर कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें। 

परीक्षा में माहौल में प्रैक्टिस करने की कोशिश करें। इससे तनाव को हैंडल करने में मदद मिलेगी। 

बहुत से ऐसे उम्मीदवार है जो इस अतिरिक्त समय में ऑप्शनल विषय की तैयारी करना चाह रहे हैं। यह अच्छा सुझाव है क्योंकि प्री और मेन्स के बीच आपको सिर्फ 89 दिन ही मिलेंगे। आपकी अगर प्रीलिम्स की तैयारी अच्छी है तो आप किसी एक ऑप्शनल विषय की तैयारी कर सकते हैं। लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि यह 10 सितंबर तक पूरी हो जाए। प्रीलिम्स से पहले जीएस आंसर राइटिंग में ना लगें। 

प्रीलिम्स के पेपर-2 को भी हल्के में ना लें। अगर किसी को एप्टीट्यूड पेपर काफी आसान लगते हैं तो वह 10 फुल लेंथ क्वेश्चन पेपर की प्रैक्टिस करें। अगर आपका स्कोर उन सभी में 70 फीसदी से अधिक रहता है तो आपको ये करने की जरूरत नहीं है। अगर 50 से 70 फीसदी के बीच रहता है तो अपनी कमजोरियों पर काम करें। अगर 50 से कम रहता है तो आपको सेक्शन बाय सेक्शन इस पेपर की तैयारी की जरूरत है। 

अपनी फिजिकल और मेंटर हेल्थ अच्छी बनाए रखें। 

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