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UPSC IAS : एक्स्ट्रा चांस की मांग तेज, जब SSC GD व CGL और अग्निवीर भर्ती में दी छूट तो यूपीएससी में क्यों नहीं

UPSC CSE : अग्निवीर और एसएससी जीडी के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में दो से तीन वर्षों की छूट दी गई। एसएससी सीजीएल में एज रेकनिंग पॉलिसी में बदलाव से अभ्यर्थी लाभान्वित हुए। तो यूपीएससी में क्यों नहीं।

UPSC IAS : एक्स्ट्रा चांस की मांग तेज, जब SSC GD व CGL और अग्निवीर भर्ती में दी छूट तो यूपीएससी में क्यों नहीं
Pankaj Vijayप्रमुख संवाददाता,नई दिल्लीSat, 10 Dec 2022 10:04 AM

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UPSC IAS Exam: कोविड-19 से उपजी स्थिति ने राजधानी सहित देश में प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों को भी प्रभावित किया है। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र अतिरिक्त परीक्षा के मौके ( UPSC Extra Attempt ) देने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि देश के 100 से अधिक सांसदों के अलावा इस मामले की समिति की रिपोर्ट में भी छात्रों को अवसर देने की बात कही गई है, लेकिन अब तक यह अवसर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षा के छात्र सुभाष ठाकुर का कहना है कि कोरोना महामारी के दो वर्षों (2020 और 2021) में लॉकडाउन, कोविड नियमों के अनुपालन, शिक्षण संस्थानों का बंद होने व अन्य कारणों से अभ्यर्थियों को समुचित तैयारी करने का अवसर ही नहीं मिल सका। 

लाखों अभ्यर्थीगण इन्हीं दो वर्षों में निर्धारित उम्र सीमा एवं अवसरों की संख्या को पार कर चुके हैं। अब वे इन परीक्षाओं में बैठने की पात्रता खो चुके हैं। छात्रगण केन्द्र सरकार से केन्द्रीय भर्ती परीक्षाओं में अतिरिक्त मौके और आयु सीमा में छूट देने की मांग कर रहे हैं।

सरकार ने पूर्व में अभ्यर्थियों को दी है छूट
प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों का कहना है कि केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी से हुए नुकसान की भरपाई हेतु हर वर्ग और हर क्षेत्र को कुछ न कुछ राहत अवश्य पहुंचाई है। मसलन, अग्निपथ योजना में अभ्यर्थियों को आयु सीमा में दो वर्षों की छूट तथा एसएससी जीडी के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में तीन वर्षों की छूट प्रदान कर दी गई है। यहां तक कि एसएससी सीजीएल में ‘एज रेकनिंग पॉलिसी’ में बदलाव लाने से लाखों अभ्यर्थी लाभान्वित हुए हैं, लेकिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रगण अबतक राहत से अछूते हैं। कई राज्यों ने अपने यहां आयु सीमा में छूट के साथ अवसर प्रदान किया है। यह एक ‘नीतिगत मामला’ है जो पूरी तरह से कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में है। इससे पहले भी वर्ष 1979, 1990, 1992, 2014 और 2015 में यूपीएससी के द्वारा छूट दी जा चुकी है।

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संसदीय समिति ने भी की है सिफारिश
अभ्यर्थियों का कहना है कि भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली ‘विभागीय संसदीय स्थायी समिति’ ने भी अपनी 112वीं रिपोर्ट में सिविल सेवा के आकांक्षियों को अतिरिक्त अवसर और आयु सीमा में छूट देने के लिए सरकार से अनुशंसा की है। समिति का कहना है कि सरकार विशेषज्ञ समिति का गठन करे जो मूल्यांकन करे।

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