UPSC Civil Services : IAS इंटरव्यू में पूछा बिहार से जुड़ा दिलचस्प सवाल, जानें पूरा जवाब
UPSC Civil Services Interview question : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू में उस जिले, कस्बे या गांव से जरूर प्रश्न पूछे जाते हैं जहां से उम्मीदवार ताल्लुक रखता है। उम्मीदवार को अपने गृह जिले...
UPSC Civil Services Interview question : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू में उस जिले, कस्बे या गांव से जरूर प्रश्न पूछे जाते हैं जहां से उम्मीदवार ताल्लुक रखता है। उम्मीदवार को अपने गृह जिले की जानकारी अपने डिटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) में जरूर देनी होती है। यूपीएससी बोर्ड के सदस्य उस डीएएफ में से ही अधिकतर प्रश्न बनाते हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 में 53वीं रैंक हासिल करने वाले सुमित कुमार से इंटरव्यू के दौरान उनके जिले से जुड़ा सवाल पूछा गया। बिहार में जमुई जिले के सिकंदरा निवासी सुमित कुमार से पूछा गया कि जमुई संसाधनों से समृद्ध इलाका है, लेकिन वहां इंडस्ट्री स्थापित नहीं पा रही है। कारण बताओ।
सुमित का उत्तर-
सुमित ने बताया- ' यहां ट्रांसपोर्टेशन नहीं है। कोई पोर्ट आसपास नहीं है। यहां के लोग कच्चा माल बेचकर पैसे कमाते हैं लेकिन तैयार माल नहीं बनाते हैं। इसके अलावा नक्सलवाद भी एक समस्या है। जब तक कानून व्यवस्था ठीक नहीं होगी तब तक इंडस्ट्री फल फूल नहीं सकती। इसके बाद मुझसे पूछा गया कि इनकम जेनरेटिंग स्कीम और सामाजिक सुरक्षा स्कीम में क्या अंतर है। मैंने बताया कि इनकम जेनरेटिंग स्कीम में व्यक्ति को स्किल देखकर कमाने व पेट भरने के काबिल बनाया जाता है। जबकि सामाजिक सुरक्षा स्कीम में व्यक्ति को सामाजिक रूप से सुरक्षा दे रहे हो। उनकी हेल्थ व पेंशन इसी में आती है।'
'मुझसे इन दोनों स्कीम्स का उदाहरण देने के लिए कहा गया। मनरेगा स्कीम इनकम जेनरेटिंग स्कीम का उदाहरण है। जबकि सामाजिक सुरक्षा स्कीम का उदाहरण नेशनल ओल्ड एज पेंशन स्कीम, आयुष्मान भारत है। महिला सशक्तिकरण को विस्तृत रूप से बताओ।
पहले भी क्रैक कर चुके हैं यूपीएससी
यूपीएससी परीक्षा 2017 में उन्होंने 493वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें डिफेंस एस्टेट सर्विस कैडर मिला था। लेकिन वह IAS बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। सुमित ने सिविल सेवा परीक्षा 2017 के इंटरव्यू में 275 में से 140 अंक हासिल किए थे लेकिन सेवा परीक्षा 2018 के इंटरव्यू में उन्होंने 179 अंक हासिल किए। अच्छे अंकों की बदौलत वह अच्छी रैंक (53वीं) हासिल कर पाए।
इससे पहले सुमित ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्रतिष्ठित कंपनी पीडब्ल्यूसी (प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स) में दो साल तक काम किया। लेकिन मास इम्पेक्ट न होने के चलते उन्होंने जॉब छोड़ दी। इसके बाद वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। इस बारे में सुमित बताते हैं, 'हमारे कॉलेज में कुछ एलुम्नाई थे जो भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत थे। उनसे बात करके मुझे पता लगा कि प्रशानिक सेवाओं से जुड़े पदों पर आप ज्यादा प्रभावी ढंग से कार्य कर सकते हो। करीब 10 से 12 लाख लोगों का आप एडमिनिस्ट्रेशन संभालते हो। साथ ही आईएस की जॉब में प्रतिष्ठा और सुरक्षा भी अच्छी मिलती है। सिविल सेवा में मास इम्पेक्ट करने का स्कोप है इसलिए मैंने पीडब्ल्यूसी की जॉब छोड़ी।'
सुमित का ऑप्शनल विषय एंथ्रोपोलॉजी रहा।
सुमित ने मैट्रिक (92.8 फीसदी अंक) की पढ़ाई गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल (बोकारो) से की। और इंटर (91.1 फीसदी अंक) दिल्ली पब्लिक स्कूल (बोकारो) से की।
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