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UPSC Success Story: 9वीं, 10वीं, 11वीं में नकल करके हुए पास, 12वीं में फेल, आज हैं IPS, जानें- कैसे इस शख्स ने क्लियर किया UPSC

UPSC success story 2022: अगर कोई बच्चा स्कूल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन न करें, तो आमतौर पर मान लिया जाता है कि ऐसे छात्र से भविष्य में कुछ नहीं होने वाला है। अक्सर कक्षा में फर्स्ट, सेकंड आने वाले छ

UPSC Success Story: 9वीं, 10वीं, 11वीं में नकल करके हुए पास, 12वीं में फेल, आज हैं IPS, जानें- कैसे इस शख्स ने क्लियर किया UPSC
Priyanka Sharmaलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 22 Nov 2022 02:00 PM
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UPSC success story 2022: अगर कोई बच्चा स्कूल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन न करें, तो आमतौर पर मान लिया जाता है कि ऐसे छात्र से भविष्य में कुछ नहीं होने वाला है।

अक्सर कक्षा में फर्स्ट, सेकंड आने वाले छात्रों की प्रशंसा की जाती है, वहीं आज हम आपको ऐसे छात्र की कहानी बताने जा रहे हैं, जो कक्षा 12वीं में फेल हो गए थे, लेकिन उन्होंने वह करके दिखाया, जिसकी कल्पना उनके परिवार और दोस्तों ने नहीं की थी।

आज हम बात कर रहे हैं, IPS मनोज कुमार शर्मा की। जो उम्मीदवार अपनी असफलताओं के कारण डिप्रेशन में चले गए हैं, उन्हें IPS मनोज की कहानी मोटिवेट कर सकती है।

IPS मनोज शर्मा  के जीवन पर लेखक अनुराग पाठक ने "12th Fail"  नाम की एक किताब लिखी है। जिसमें बताया गया कि कैसे एक 12वीं फेल व्यक्ति IPS अधिकारी बना।

ऐसे शुरू हुआ था मनोज शर्मा का IPS बनने का सफर

मनोज ने एक इंटरव्यू में बताया, 'जिस तरह हमने 9वीं, 10वीं, 11वीं नकल करके थर्ड डिवीजन में पास की थी, वह तरीका 12वीं की परीक्षा में काम नहीं आया। उन्होंने कहा, मैंने और मेरे दोस्तों ने पहले ही तय कर लिया था कि हम 12वीं में नकल करके पास हो जाएंगे। नकल करने की तैयारी भी पूरी कर ली थी। हमने सोचा था कि कक्षा 12वीं अच्छे प्रतिशत से पास करने के बाद टाइपिंग सीख लेंगे और कहीं अच्छी नौकरी पर लग जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ'

IPS मनोज ने बताया, 'जब हमारी 12वीं की परीक्षा थी, उस समय एक सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) स्कूल आए थे, जिन्होंने नकल पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। परीक्षा के दौरान वह स्कूल में आकर बैठ गए थे और स्कूल के प्रिसिंपल और टीचर्स सब उनके सामने हाथ जोड़ रहे थे, यहां तक कि थानेदार SDM के आगे - पीछे घूम रहा था। वहीं SDM ने पूरी तरह से नकल पर रोक लगा थी। उस समय मेरे मन में ख्याल आया कि आखिर ये व्यक्ति कौन हैं, जिसके सामने पूरा स्कूल झुका हुआ है, क्योंकि स्कूल की लाइफ में हमारे लिए प्रिसिंपल ही बड़ा आदमी होता है'

फिर हमने पता किया कि ये व्यक्ति कौन था, जिसके बाद मालूम चला एक  UPSC नाम की एक परीक्षा होती है, जिसे क्लियर करने के बाद आप एक ऐसे पावरफुल व्यक्ति बन जाते हैं। इसके बाद मुझे लगा जीवन में इतना ही पावरफुल व्यक्ति बनना है।

12वीं में फेल होने के बाद क्या हुआ?

कक्षा 12वीं में फेल होने के बाद मनोज के घर में पैसे की दिक्कत आई। खर्चा- पानी चलाने के लिए वह और उनके भाई टैंपो चलाते थे। उन्होंने बताया, 'एक दिन हमारा टैंपो पुलिस वाले ने पकड़ लिया और पुलिस वाले ने इसलिए पकड़ा, क्योंकि बस वाला नहीं चाहता था कि हमारा टैंपो चले। जब मैं और मेरा भाई अपने टैंपो को छुड़वाने का अनुरोध करने के लिए SDM के पास गए, तो उनसे टैंपो छुड़वाने की बजाए पूछ लिया कि आप इस पद पर कैसे पहुंचे'

मनोज ने बताया, उस दौरान SDM ने मुझे जितना समझाया, मैंने सबकुछ अपने दिमाग में भर लिया। जिसके बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के बारे में सोच लिया था।

बता दें, मनोज ने अपने संघर्ष के दिनों में दिल्ली में एक पुस्तकालय  में चपरासी के रूप में काम किया, इस दौरान उन्होंने गोर्की (Gorky) और अब्राहम लिंकन से लेकर मुक्तबोध तक कई बड़े लोगों के बारे में पढ़ा। इन पुस्तकों को पढ़ने के बाद उन्हें जीवन के वास्तविक पहलुओं की समझ हुई।

जब लिया '12वीं फेल का ठप्पा' हटाने का निर्णय

12वीं कक्षा में पढ़ते समय मनोज को एक लड़की से प्यार हो गया था, लेकिन वह कभी अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाए। वह एकतरफा प्यार था। मनोज के जीवन में 12वीं फेल का ठप्पा लग चुका था, जिसे उन्हें हर जगह सहन करना पड़ता। जिसके बाद उन्होंने इस ठप्पे को हटाने की ठान ली थी।

मनोज ने बताया, जिस लड़की से मैं प्यार करता हूं जो वर्तमान में मेरी पत्नी हैं, एक दिन उन्होंने मुझसे कहा, 'तुम 12वीं फेल हो, इंग्लिश नहीं आती, गणित नहीं आता, इकोनोमिक्स नहीं आती, फिर तुम कैसे जिंदगी में आगे बढ़ने का बोलते हो'?

इस पर मैंने जवाब देते हुए कहा, 'मेरे अंदर आदमी को पढ़ने का हुनर है और ये हुनर मुझे आगे लेकर जाएगा'  इसके बाद मैं दिल्ली आ गया है, फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

मनोज ने अपने पास सीमित संसाधनों के साथ यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत की थी। मनोज पहले तीन प्रयासों में सफल नहीं हो सके लेकिन अपने चौथे प्रयास में, उन्होंने 2005 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और वह महाराष्ट्र कैडर से आईपीएस अधिकारी बन थे।

 

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