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UPSC Extra Attempt : यूपीएससी परीक्षा में एक मौका और देने की याचिका खारिज

UPSC Extra Attempt : सुप्रीम कोर्ट ने आज यूपीएससी परीक्षा में एक मौका और देने की याचिका को खारिज कर दिया गया है। इस याचिका को कुछ सिविल सेवा उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किया गया था। जस्टिस एएम...

UPSC Extra Attempt : यूपीएससी परीक्षा में एक मौका और देने की याचिका खारिज
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 28 Jun 2021 03:39 PM
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UPSC Extra Attempt : सुप्रीम कोर्ट ने आज यूपीएससी परीक्षा में एक मौका और देने की याचिका को खारिज कर दिया गया है। इस याचिका को कुछ सिविल सेवा उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किया गया था। जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि इस मामले में पहले ही फैसला हो गया है। यह मामला 24 फरवरी को दिए गए फैसले से आच्छादित है। पीठ का कहना कि हमारे पिछले फैसले में सब कुछ शामिल है और इस मामले में हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। इस मुद्दे का जवाब पहले ही दिया जा चुका है। 

गौरतलब है कि 24 फरवरी को हुए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका मांगने वाले उन अभ्यार्थियों को राहत देने से इंकार कर दिया था, जिनके लिए उम्र सीमा पिछली परीक्षा में समाप्त हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 फरवरी को ही सिविल सर्विस अभ्यार्थियों  की उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें इस साल होने वाले सिविल सर्विस प्री परीक्षा में बैठने के लिए एक अतिरिक्त मौके के मांग की गई थी।

याचिका खारीज होने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय का कहना है कि इस फैसले से याचिकाकर्ता आच्छादित नहीं हैं। उनका कहना है कि याचिकाकर्ता ऐसे लोग हैं जो 2022 की परीक्षा नहीं दे पाए थे, क्योंकि वे लोग कोरोना महामारी से संक्रमित थे या क्वारंटीन थे। इस पर न्यायमूर्त खानविलकर का कहना है कि यह फैसला सभी लोगों को कवर करता है।

आपको बता दें कि ऐसे अभ्यार्थियों का कोरोना के चलते साल 2020 में अंतिम प्रयास पूरा हो चुका था। सिविल सर्विसेज परीक्षा (प्रारंभिक) में अतिरिक्त मौका मांगने वाले अभ्यर्थियों में ऐसे अभ्यार्थी शामिल हैं जो कोरोना (COVID-19) महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका में थे। इसलिए अतिरिक्त मौके को लेकर इन अभ्यार्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि कोरोना महामारी के दौरान व्यस्त दिनचर्या में परीक्षाओं के लिए ठीक से तैयारी नहीं कर सके थे। पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सु्प्रीम कोर्ट को बताया था कि 34000 छात्र ऐसे हैं जो 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में अपना आखिरी प्रयास पूरा कर चुके हैं। ऐसे में यदि इन अभ्यर्थियों को यदि राहत दी जाती है तो प्रारंभिक परीक्षा 2021 में शामिल होने के लिए योग्य हो जाएंगे और इस साल की परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के रास्ते को ब्लॉक करेंगे। ऐसा होने पर अन्य अभ्यर्थी भी मांग करेंगे और फिर यह एक अंतहीन साइकिल बन जाएगा।

सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 32 वर्ष की आयु तक सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने के लिए छह मौके मिलते हैं। वहीं ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों को 35 वर्ष की आयु तक 9 मौके मिलते हैं और एससी-एसटी के अभ्यर्थियों को 37 वर्ष की आयुत तक असीमित मौके मिलते हैं। 

 

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