खुशखबरी, UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका देने पर विचार कर रही केंद्र सरकार
UPSC civil services exam 2020 : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को वर्ष 2021 की सिविल सेवा...
UPSC civil services exam 2020 : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को वर्ष 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने पर विचार कर रही है। वेबसाइट livelaw.in के मुताबिक केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अमन लेखी ने कहा है कि मामले पर विचार किया जा रहा है और जब सिविल सेवा परीक्षा 2021 के दिशानिर्देश निर्धारित किए जाएंगे, तब उपयुक्त अथॉरिटी इस बात को ध्यान में रखेगी।
गौरतलब है कि यूपीएससी अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर उन्हें 2021 में होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में भी बैठने का मौका दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। याचिका 24 उम्मीदवारों द्वारा दायर की गई थी।
याचिका में कहा गया था कि एक्स्ट्रा अटेंप्ट का यह मौका कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सिर्फ एक बार के लिए दिया जा सकता है। गौरतलब है कि इस बार परीक्षा देने वाले बहुत से अभ्यर्थी अगले साल सिविल सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा को पार कर जाएंगे। आयु संबंधी नियमों के मुताबिक वह 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे।
4 अक्टूबर को आयोजित हुई सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी शामिल हुए थे। 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिविल सेवा परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह वैश्विक महामारी के कारण परीक्षा नहीं दे पाने वाले उन लोगों को एक और मौका देने पर विचार करे, जिनसे पास यूपीएससी परीक्षा देने का इस बार आखिरी अवसर है। कोर्ट ने 2020 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को 2021 की परीक्षा के साथ आयोजित कराने के आग्रह वाली याचिका खारिज कर दी थी।।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी की दलीलों को स्वीकार किया था। UPSC ने कहा था कि परीक्षा टालने के असर अगले साल की परीक्षा पर भी पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि इस साल की परीक्षा को अगले साल की परीक्षा के साथ संयुक्त रूप से आयोजित कराना संभव नहीं है। आयोग ने परीक्षा स्थगित करने में असमर्थता जताई थी।