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UPRTOU : 37 साल बाद भी छात्र पढ़ रहे, 20 साल पहले हुई थी इंदिरा गांधी की हत्या

UPRTOU : देश की प्रधानमंत्री व आयरन लेडी इंदिरा गांधी की हत्या 1984 में हुई थी। इस घटना को बीते 37 साल हो गए हैं। फिर भी उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की किताबें अब भी छात्रों को पढ़ा रही हैं...

UPRTOU : 37 साल बाद भी छात्र पढ़ रहे, 20 साल पहले हुई थी इंदिरा गांधी की हत्या
संवाददाता,कानपुरTue, 22 Jun 2021 08:08 PM
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UPRTOU : देश की प्रधानमंत्री व आयरन लेडी इंदिरा गांधी की हत्या 1984 में हुई थी। इस घटना को बीते 37 साल हो गए हैं। फिर भी उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की किताबें अब भी छात्रों को पढ़ा रही हैं कि 20 साल पहले इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी। तब उनकी हत्या की सूचना राजीव गांधी को बीबीसी से मिली थी। इसी तरह सार्क ने किस वर्ष क्या थीम रखी, यह भी वर्ष 2005 के बाद अपडेट नहीं किया गया। सार्क देशों में जनमाध्यमों की स्थिति की तालिका भी 2004 के बाद से नहीं बदली गई है।

यह आलम है पत्रकारिता के मास्टर डिग्री कोर्स का, जिसे पढ़ने के बाद छात्र देश-दुनिया की पल-पल की खबरों से रूबरू होते हैं। उत्तर प्रदेश राजऋषि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के एमजे के तीसरे सेमेस्टर में एमजे-06 की स्टडी मैटेरियल की बुक में मुद्रित एवं प्रकाशित वर्ष 2019 तो दिया है लेकिन कई जगहों पर अहम संशोधन तक नहीं हुए। एक शीर्षक नई सूचना व्यवस्था तथा सूचना का अधिकार दिया गया है। इसमें आज भी 20 साल पहले इंदिरा गांधी की हत्या की सूचना राजीव गांधी को बीबीसी के प्रसारण से मिली बताया गया है।
विवि के 11 क्षेत्रीय केंद्र

विवि के 11 क्षेत्रीय केंद्र हैं। इनमें प्रयागराज, वाराणसी, फैजाबाद, लखनऊ, बरेली, आगरा, मेरठ, झांसी, नोएडा व कानपुर हैं। इन केंद्रों के माध्यम से हर वर्ष लाखों छात्र स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई करते हैं।
हर तीन वर्ष में समीक्षा जरूरी

छात्रों को बेहतर जॉब मिले और वे पूरी तरह अपडेट रहें, इसके लिए हर तीन वर्ष में सिलेबस की समीक्षा जरूरी है। अगर यह नियमानुसार होता तो ऐसी गल्तियां नहीं होतीं।

उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने कहा, 'पत्रकारिता कोर्स की किताब में अगर 37 साल बाद भी 20 साल पहले इंदिरा गांधी की मौत को पढ़ाया जा रहा है और वर्ष 2005 से अन्य गतिविधियां भी अपडेट नहीं की गई हैं तो सरासर गलत है। इस मामले को तुरंत संज्ञान लेते हुए जल्द ही सभी जिम्मेदारों की बैठक बुलाती हूं। एक बार फिर नए सिरे से सभी विषयों की समीक्षा कराई जाएगी।'

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