UPPSC भर्ती: उच्च पदों पर चयन के लिए बढ़ा दिए इंटरव्यू के नंबर
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कर रही सीबीआई ने पीसीएस 2015 में एक और बड़ी गड़बड़ी पकड़ी है। सीबीआई को फिलहाल छह अभ्यर्थी ऐसे मिले हैं, जिन्हें...
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कर रही सीबीआई ने पीसीएस 2015 में एक और बड़ी गड़बड़ी पकड़ी है। सीबीआई को फिलहाल छह अभ्यर्थी ऐसे मिले हैं, जिन्हें इंटरव्यू में मिला नंबर इसलिए बढ़ा दिया गया था ताकि उनका चयन डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी के पद पर हो जाए।
इंटरव्यू के बाद अभ्यर्थियों को मिले नंबर की कोडिंग की जाती है। इसके दो लिफाफे बनते हैं, एक इंटरव्यू बोर्ड के अध्यक्ष के पास रहता है और दूसरा सचिव को भेज दिया जाता है। रिजल्ट जारी होते वक्त दोनों लिफाफे खोलकर मिलान किया जाता है। जांच के दौरान सीबीआई को डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी के पद पर चयनित हुए छह अभ्यर्थी ऐसे मिले, जिनका नंबर बढ़ा हुआ था। मसलन अगर कोड ए के लिए 80 नंबर निर्धारित है तो इन छह अभ्यर्थियों 80 नंबर न देकर 95 से 100 नंबर तक दे दिए गए थे। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इनका चयन डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी के लिए हो जाए। इन्हें जितना नंबर मिलना चाहिए था, उसमें भी ये अभ्यर्थी चयनित तो हो रहे थे लेकिन चयन इन दोनों पदों को छोड़कर पीसीएस संवर्ग के दूसरे पदों के लिए हो रहा था।
सीबीआई को जांच के दौरान एक और महत्वपूर्ण तथ्य की भी जानकारी हुई। दरअसल, जिन छह अभ्यर्थियों के इंटरव्यू के नंबर बढ़ने का मामला सामने आया है उन्हीं की मुख्य परीक्षा के अनिवार्य विषय निबंध और हिन्दी की कॉपियों के मॉडरेशन में भी नंबर बढ़े हैं। मॉडरेशन में नंबर बढ़ाने की गड़बड़ी पर सीबीआई मई 2018 में एफआईआर दर्ज करा चुकी है। हालांकि सीबीआई ने इस एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया था। एक और अहम बात यह भी है कि इन छह अभ्यर्थियों, जो की वर्तमान में यूपी के ही जिलों में तैनात हैं, में से कुछ को बुलाकर सीबीआई पूर्व में पूछताछ भी कर चुकी है।
जल्द हो सकती है एफआईआर
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, पीसीएस 2015 प्री की ओएमआर को नष्ट किए जाने और इंटरव्यू के नंबर को बढ़ाए जाने के मामले में सीबीआई बहुत जल्द एफआईआर भी दर्ज करा सकती है। इन दोनों अहम खुलासों के बाद पीसीएस 2015 के चयनितों के होश उड़े हुए हैं।
पीसीएस 2015 सर्वाधिक विवादित
पीसीएस 2015 आयोग की सर्वाधिक विवादित परीक्षा रही है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा का पेपर आउट हुआ था। सुहासिनी बाजपेई की मुख्य परीक्षा की कॉपी बदलने का मामला भी इसी भर्ती का है। जो 2017 के विधानसभा चुनाव में मुद्दा बना था। खुलासे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की रैली में इस मामले का जिक्र करते हुए आयोग की कार्य प्रणाली पर कटाक्ष किया था।