UPPCS J exam: हलफनामे में फरवरी तो जनवरी में परीक्षा क्यों?
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस जे 2018 प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद 30 जनवरी से प्रस्तावित इसकी मुख्य परीक्षा का विरोध तेज हो गया है। प्रतियोगी परीक्षा टालने की मांग कर...
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस जे 2018 प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद 30 जनवरी से प्रस्तावित इसकी मुख्य परीक्षा का विरोध तेज हो गया है। प्रतियोगी परीक्षा टालने की मांग कर रहे हैं। इस तर्क के साथ कि उन्हें मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए नियमानुसार और पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है।
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि पीसीएस जे 2018 परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में आयोग ने परीक्षा का जो कार्यक्रम दिया है, उसमें मुख्य परीक्षा 15 फरवरी से प्रस्तावित है जबकि आयोग ने कैलेंडर में इस परीक्षा की तिथि 30, 31 जनवरी और एक फरवरी घोषित की है। हलफनामे में प्री का परिणाम 16 जनवरी को घोषित करने और इसके 30 दिन बाद 15 फरवरी से मुख्य परीक्षा कराने का जिक्र है। प्रतियोगियों के मुताबिक आयोग तैयारी के लिए 25 दिन से भी कम वक्त दे रहा है, जो न्यायोचित नहीं है। प्रतियोगियों ने मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 45 दिन का वक्त देने की मांग करते हुए दिसंबर में आयोग दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया था। अब जबकि प्री का परिणाम घोषित हो चुका है तो प्रतियोगियों ने इस मांग को लेकर सात जनवरी को आयोग दफ्तर के सामने एक बार फिर प्रदर्शन करने की घोषणा की है। विधि शोध छात्र राम करन निर्मल ने प्रतियोगी छात्रों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।
आयोग की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे के मुताबिक मुख्य परीक्षा का परिणाम दो अप्रैल को घोषित किया जाएगा। तीन मई से इंटरव्यू शुरू होगा और 20 मई को अंतिम परिणाम घोषित कर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 19 जून तक चयनित अभ्यर्थियों को शासन से नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को 20 जुलाई तक कार्यभार ग्रहण करने का समय दिया जाएगा।