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up police recruitment 2018: सवालों के घेरे में सिपाही भर्ती, तीन और गिरफ्तार

सिविल पुलिस और पीएसी सिपाही की 2018 भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। पहले सॉल्वर गिरफ्तार हुए फिर टीसीएस के कर्मचारी जेल गए। अब कोचिंग संचालक पकड़ा गया है। वह दावा कर रहा है कि कई अभ्यर्थी...

up police recruitment 2018: सवालों के घेरे में सिपाही भर्ती, तीन और गिरफ्तार
प्रमुख संवाददाता,आगराSun, 29 Dec 2019 05:03 PM
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सिविल पुलिस और पीएसी सिपाही की 2018 भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। पहले सॉल्वर गिरफ्तार हुए फिर टीसीएस के कर्मचारी जेल गए। अब कोचिंग संचालक पकड़ा गया है। वह दावा कर रहा है कि कई अभ्यर्थी भर्ती करा चुका है। सब कुछ बिकाऊ है। एक भी सुरक्षा चक्र ऐसा नहीं है जिसमें उसने सेंध नहीं लगाई हो। बायोमीट्रिक का भी तोड़ निकाल लिया था। 60 हजार रुपये रेट तय था।

लिखित परीक्षा के बाद आगरा पुलिस लाइन में प्रमाणपत्रों की जांच और शारीरिक मापदंड की प्रक्रिया चल रही है। अभी तक दो दर्जन गिरफ्तार करके जेल भेजे जा चुके हैं। सिकंदरा पुलिस ने इसी क्रम में तीन और आरोपियों को जेल भेजा है।

एसपी प्रोटोकॉल एमपी सिंह ने बताया कि इस बार गोंडा (अलीगढ़) निवासी कोचिंग संचालक ललित कुमार, जतिन उर्फ जितेंद्र व सौरभ चौधरी को जेल भेजा गया है। ललित कुमार की रुद्र नाम से गोंडा क्षेत्र में कोचिंग है। पूछताछ में ललित ने बताया कि पांच से सात लाख रुपये में एक अभ्यर्थी को भर्ती कराने का ठेका लिया था। साथ में पकड़ा गया सौरभ अभ्यर्थी है। उसकी जगह लिखित परीक्षा में सॉल्वर बैठाया था। वह लिखित परीक्षा में पास हो चुका है। वर्ष 2009 से वह इसी धंधे में लिप्त है। युवकों की भर्ती कराता है। किसे कैसे खरीदना है उसे पता है। उसने टीसीएस कर्मचारियों को भी अपने जाल में फंसा लिया था। 

60 हजार रुपये प्रति अभ्यर्थी टीसीएस वाले बॉयोमीट्रिक करा रहे थे। पूर्व में जेल गया टीसीएस कर्मी अंशू अवस्थी व अनिल कुमार उसके लिए काम करते थे। कानपुर में उसने नौ लोगों को भर्ती कराया है। अलीगढ़ के सुंदर, शैलेंद्र व कानपुर का पीतांबर, बीनू (फिरोजाबाद) व राजपाल (अलीगढ़) उसके गैंग के सदस्य हैं। अभ्यर्थियों को घेरकर लेकर आते हैं। एसपी प्रोटोकॉल ने बताया कि कार्रवाई क्राइम ब्रांच और सिकंदरा पुलिस की संयुक्त टीम ने की है। आरोपियों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। उस पर काम किया जा रहा है। अभी और भी लोग जेल जा सकते हैं।


ईमानदारी से कैसे हो रही भर्ती
पूरी भर्ती प्रक्रिया में गोलमाल ही गोलमाल सामने आ रहा है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि भर्ती प्रक्रिया ईमानदारी से कैसे हो रही है। अभी तक आगरा से ही दो दर्जन लोग जेल भेजे जा चुका हैं। भर्ती में पुलिस का सहयोग कर रही टीसीएस कंपनी के कर्मचारी भी शक के घेरे में हैं। दो तो जेल तक भेजे जा चुके हैं। वे घर पर बॉयोमीट्रिक कर रहे थे। 


पकड़े थे पांच, दो पर पुलिस मेहरबान
सिपाही भर्ती प्रक्रिया में हुए गोलमाल की कार्रवाई भी अब सवालों के घेरे में आ गई है। इस बार कोचिंग संचालक सहित पांच लोगों को पकड़ा गया था। सभी से पूछताछ हुई। आखिरी समय पर आरोपियों की संख्या पांच से तीन हो गई। अब कहा जा रहा है कि दो का कोई रोल नहीं निकला। दो को क्लीनचिट के पीछे चर्चाओं का बाजार गर्म है। जिन्हें छोड़ा गया है उनमें से एक पडुआपुरा पिनाहट था दूसरा सासनी, इगलास का बताया जा रहा है। जहां एक ओर छोड़ने वाले उन दोनों को निर्दोष बता रहे हैं वहीं चर्चा यह है कि इसमें भी खेल हुआ है। अब देखना यह है कि इस मामले की जांच के बाद कार्रवाई होगी या इस पर भी पर्दा डाल दिया जाएगा। 

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