UP D.El.Ed : यूपी डीएलएड में गरीबों को नहीं मिला 10 फीसदी आरक्षण
उत्तर प्रदेश में डीएलएड प्रवेश में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं मिला। डीएलएड 2019-20 सत्र में प्रवेश के पहले चरण का एलॉटमेंट 30 जुलाई को ही...

उत्तर प्रदेश में डीएलएड प्रवेश में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं मिला। डीएलएड 2019-20 सत्र में प्रवेश के पहले चरण का एलॉटमेंट 30 जुलाई को ही पूरा हो चुका है जिसमें 138442 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित हुई है। लेकिन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के निर्देश के बावजूद उत्तर प्रदेश में ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के अधीन प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की 10600 और 3087 निजी कॉलेजों की 218550 सीटों पर प्रवेश के लिए 17 जुलाई से प्रवेश शुरू हुआ था। 19 से 30 जुलाई तक मेरिट के क्रम में अभ्यर्थियों से संस्थानों के विकल्प ऑनलाइन भरवाए गए। जबकि एनसीटीई के सदस्य सचिव संजय अवस्थी ने 8 जुलाई को ही सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिव, सभी केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और एससीईआरटी को पत्र भेजकर 2019-20 सत्र से ही ईडब्ल्यूएस का 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्देश दिया था। इस पत्र के क्रम में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अपने बीएड और एमएड पाठ्यक्रमों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू भी कर दिया।
एनसीटीई ने वर्तमान में दिए जा रहे ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के आरक्षण को बिना प्रभावित किए 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने का निर्देश दिया है। जिसके चलते पाठ्यक्रमों की कुल सीटों में 25 प्रतिशत सीट की वृद्धि करनी पड़ रही है। एनसीटीई ने इस बात की अनुमति दी है कि चाहे तो शिक्षण संस्थान दो वर्ष में सीटें बढ़ा सकते हैं। यही कारण है कि इविवि ने बीएड व एमएड में 10 प्रतिशत सीटें बढ़ाकर ही प्रवेश लिया है। बची हुई 15 प्रतिशत सीटें अगले साल से बढ़ाई जाएगी।
आरक्षण देते तो बढ़ जाती डीएलएड की 57 हजार सीटें
प्रयागराज। यदि एनसीटीई के निर्देशानुसार 2019-20 सत्र से ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू हो जाता तो डीएलएड की 57287 सीटें बढ़ जाती। वर्तमान में 67 डायट व एक कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन वाराणसी में 10600 सीटें हैं। इसकी 25 प्रतिशत 2650 सीटें तो सिर्फ डायट व सीटीई में ही बढ़ती। जबकि 3087 निजी कॉलेजों में उपलब्ध 218550 सीटों के सापेक्ष सीटों की वृद्धि 54637 होती। इस लिहाज सीटों की कुल वृद्धि 57287 हो जाती।
इनका कहना है
अजय कुमार सिंह (संयुक्त निदेशक एससीईआरटी) ने कहा- डीएलएड 2019-20 सत्र में 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने के संबंध में एनसीटीई से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
अनिल भूषण चतुर्वेदी (सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी) ने कहा- डीएलएड प्रवेश में ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने संबंध कोई निर्देश एससीईआरटी या राज्य सरकार से प्राप्त नहीं हुए हैं। इसलिए वर्तमान में चल रही प्रवेश प्रक्रिया में इसे लागू नहीं किया गया है।
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