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UP: बीएड समेत अन्य पाठ्यक्रम संचालित करने कॉलेज मिले मानक विहीन तो फंसेगी छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति

बीएड समेत अन्य पाठ्यक्रम संचालित करने वाले प्रदेश के स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में मानकों की जांच वहां प्रवेश लेने के वाले छात्रों पर भी भारी पड़ सकती है। मानक विहीन पाए जाने वाले कॉलेजों में...

UP: बीएड समेत अन्य पाठ्यक्रम संचालित करने कॉलेज मिले मानक विहीन तो फंसेगी छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति
प्रमुख संवाददाता,लखनऊThu, 25 Feb 2021 07:09 AM
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बीएड समेत अन्य पाठ्यक्रम संचालित करने वाले प्रदेश के स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में मानकों की जांच वहां प्रवेश लेने के वाले छात्रों पर भी भारी पड़ सकती है। मानक विहीन पाए जाने वाले कॉलेजों में प्रवेश पाने वाले छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति फंस सकती है। उच्च शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी को अपनी रिपोर्ट सीधे प्रमुख सचिव समाज कल्याण को भेजने के निर्देश दिए हैं। 

विशेष सचिव उच्च शिक्षा अब्दुल समद की तरफ से जारी आदेश के अनुसार संबंधित विश्वविद्यालय के कुलसचिव जांच कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं, जबकि डीएम की तरफ से नामित कुलसचिव से कनिष्ठ किसी एडीएम या एसडीएम को सदस्य बनाया गया है। अभिलेखीय सहयोग के लिए क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को भी जांच कमेटी का सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी कॉलेज की मान्यता, पाठ्यक्रम की मान्यता, पाठ्यक्रम में स्वीकृत सीट और निर्धारित शुल्क व अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षक की मानक के अनुसार न्यूनतम अर्हता समेत कई बिन्दुओं पर जांच करेगी। 

यह जांच शुरू होने से इन कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों तथा अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों में भय व्याप्त हो गया है। उनका कहना है कि कॉलेज मानक के अनुरूप होने पर ही उन्हें दाखिल मिला है। बीएड प्रवेश की काउंसिलिंग के समय ये कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रवेश सूची में शामिल थे। मानकों की जांच के बाद ही विश्वविद्यालयों ने इन कॉलेजों को संबद्धता दी थी, जिससे इन कॉलेजों में बीएड के प्रवेश की अनुमति दी गई। संबद्धता देने की प्रक्रिया में विश्वविद्यालयों के कुलसचिव तो खुद शामिल थे। फिर कॉलेजों के सभी संबंधित दस्तावेज तो विश्वविद्यालय के ही पास हैं। 
उधर, उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने कहा कि इस फैसले से इंस्पेक्टराज को बढ़ावा मिलेगा और महाविद्यालयों का उत्पीड़न बढ़ेगा। यह निरीक्षण आनलाइन कराना जाना चाहिए। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। यह विषय उनके सामने उठाया जाएगा।

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