UP board result 2018: हिंदी, अंग्रेजी की कॉपी जांचने वाले परीक्षक भी नहीं मिले
शिक्षा विभाग ने यूपी बोर्ड परीक्षाओं में काफी चुस्ती दिखाई। ताकि, बोर्ड परीक्षा और नतीजे समय पर दिए जा सकें। लेकिन, गुरुजन अब विभाग की इन कोशिशों पर पानी फेर रहे हैं। कॉपी जांचने का काम शुरू...
शिक्षा विभाग ने यूपी बोर्ड परीक्षाओं में काफी चुस्ती दिखाई। ताकि, बोर्ड परीक्षा और नतीजे समय पर दिए जा सकें। लेकिन, गुरुजन अब विभाग की इन कोशिशों पर पानी फेर रहे हैं।
कॉपी जांचने का काम शुरू हुई तीन दिन गुजर गए हैं। लेकिन, परीक्षक कॉपी जांचने नहीं आ रहे। सबसे खराब स्थित हिन्दी, अंग्रेजी, कैमेस्ट्री व गृह विज्ञान जैसे विषयों की है। यह हाल तक है जबकि विभाग की ओर से बार-बार गुरुजनों को हिदायत दी गई है।
बीते 17 मार्च से राजधानी में पांच केंद्रों पर यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटर कॉपियों का मूल्यांकन चल रहा है। बोर्ड ने इस बार 16,67,349 कॉपियां आवंटित करते हुए इन्हें जांचने की जि मेदारी 3877 परीक्षकों को सौंपी गई। लेकिन इनमें से अधिकांश परीक्षक कॉपी जांचने पहुंच ही नहीं रहे। जिससे मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो रहा।
राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में गृह विज्ञान की 23 हजार कॉपी जांचने के लिए सिर्फ 15 परीक्षक ही अब तक आए। हिन्दी की 40 हजार कॉपी जांचने के लिए 30 परीक्षक ही पहुंचे हैं। सोमवार को दोपहर 2 बजे तक इंटर अंग्रेजी की सवा लाख कॉपी जांची जानी थीं, जिसके लिए करीब 100 परीक्षकों ने हाजिरी लगाई है। राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद में अंग्रेजी की 46,260 कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 34 परीक्षक ही आए। केमेस्ट्री में भी एक लाख से ज्यादा कॉपियां जांचने के लिए 75 परीक्षक आए हैं। नेशनल इंटर कॉलेज में कला की 68 हजार कॉपियों के लिए 105 परीक्षक ड्यूटी ज्वाइन कर चुके हैं।
कश्मीरी भाषा : एक कॉपी जांचनी है, तब भी परीक्षक गायब
अमीनाबाद इंटर कॉलेज में हाईस्कूल कश्मीरी भाषा की मात्र एक कॉपी मूल्यांकन के लिए आई है। इसके लिए आदर्श हाईस्कूल अहमामऊ के शिक्षक बृज कुमार तिवारी को बोर्ड ने परीक्षक बनाया है। लेकिन तीन दिन बाद भी वे मूल्यांकन के लिए नहीं पहुंचे।