UGC : ऑनर्स डिग्री के लिए चौथे वर्ष की पढ़ाई भी कर सकते हैं यूजी फाइनल ईयर के छात्र
यूजीसी ने थर्ड/ फाइनल ईयर के सभी अंडर ग्रेजुएट (यूजी) छात्रों को ऑनर्स विद रिसर्च डिग्री हासिल करने के लिए चौथे साल पढ़ाई करने की अनुमति दे दी है। इसके लिए उन्हों एक ब्रिज कोर्स भी करना होगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने थर्ड/ फाइनल ईयर के सभी अंडर ग्रेजुएट (यूजी) छात्रों को ऑनर्स या रिसर्च डिग्री हासिल करने के लिए चौथे साल पढ़ाई करने की अनुमति दे दी है। ये विद्यार्थी अब चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत पंजीकृत हो सकेंगे। यूजीसी सर्कुलर के मुताबिक हालांकि इन स्टूडेंट्स को चौथे वर्ष की पढ़ाई करने के लिए एक कॉलेज चुनना होगा जहां पोस्ट ग्रेजुएट सेंटर हो। साथ ही गैप कवर करने के लिए एक ब्रिज कोर्स भी करना होगा। ये ब्रिज कोर्स संबंधित यूनिवर्सिटीज द्वारा ही निर्धारित किया जाएगा।
इस पहल से पूरे महाराष्ट्र के 91 स्वायत्त कॉलेजों को लाभ होगा, जिन्होंने चालू शैक्षणिक वर्ष से नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत चार वर्षीय यूजी कोर्स को लागू करने का फैसला लिया है। यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा, 'वर्तमान में सीबीसीएस के तहत यूजी कोर्स में नामांकित और सक्रिय रूप से अध्ययन करने वाले छात्र चार साल वर्षीय कोर्स के लिए पात्र हैं। संबंधित विश्वविद्यालय विस्तारित कोर्स में उनके गैप को भरने के लिए ब्रिज कोर्स ऑफर कर सकता है, जो कि ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी मोड से हो सकता है।
जगदीश कुमार ने कहा, 'यह सुविधा देना इसलिए भी जरूरी है ताकि मौजूदा छात्र चार साल के यूजी कोर्स का लाभ ले सकें। 200 से अधिक विश्वविद्यालयों ने अपने पीजी कोर्स और शोध सुविधाओं का लाभ उठाते हुए, चार साल के यूजी कोर्सेज को सफलतापूर्वक लागू किया है। ऐसे में इन विश्वविद्यालयों को नामांकित छात्रों को अपनी पढ़ाई चौथे वर्ष तक बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।'
उच्च शिक्षा निदेशक शैलेन्द्र देवलंकर ने कहा, “वर्तमान में, राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों में सीबीसीएस सिस्टम है। लेकिन इस फैसले से उन 91 स्वायत्त कॉलेजों को फायदा होगा जो चालू शैक्षणिक वर्ष से नई शिक्षा नीति (एनईपी) लागू कर रहे हैं। अगले शैक्षणिक वर्ष से, राज्य सरकार सभी कॉलेजों में एनईपी लागू करने के लिए तैयार है; इसलिए सीबीसीएस शुरू किया जाएगा और छात्रों को एनईपी के तहत लाभ मिलेगा।
फीस वापस नहीं करने वाले यूनिवर्सिटी-कॉलेजों को यूजीसी ने चेताया
यूजीसी ने ऐसी सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को आगाह किया है, जो छात्रों के कहीं और शिफ्ट होने पर उनकी फीस वापस नहीं कर रहे हैं। यूजीसी ने कहा है कि फीस रिफंड पॉलिसी के मुताबिक छात्रों की शिकायतों का निपटारा किया जाए। यूजीसी ने अपनी पॉलिसी में स्पष्ट कहा है कि एक यूनिवर्सिटी से दूसरे संस्थान में शिफ्ट होने पर छात्रों को फीस वापस करनी होगी।