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स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया का उपहार है तिरंगा, जानें इसके बारे में

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके सबसे ज्यादा जिस चीज से गर्व की अनुभूति होती है वह है तिरंगा। भारत का राष्ट्रीय ध्वज। हर हिन्दुस्तानी आजादी के जश्न में तिरंगे को अपने-अपने अंदाज में सेलिब्रेट...

स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया का उपहार है तिरंगा, जानें इसके बारे में
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 14 Aug 2020 11:07 PM
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15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके सबसे ज्यादा जिस चीज से गर्व की अनुभूति होती है वह है तिरंगा। भारत का राष्ट्रीय ध्वज। हर हिन्दुस्तानी आजादी के जश्न में तिरंगे को अपने-अपने अंदाज में सेलिब्रेट करता है। कोई इस दिन अपने शरीर पर तिरंगे का टैटू बनवाता है तो कोई तिरंग या तीन रंगों वाला कपड़ा पहनता है तो कोई तिरंगे के रंग को मेकअप के रूप में इस्तेमाल करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कितनी मेहनत और प्रयासों के बाद तिरंगे का वर्तमान रूप सामने आया है? यदि नहीं तो आइए संक्षिप्त में जानें तिरंगे का इतिहास और इसे बनाने वाले के के बारे में-


पहला झंडा

first indian flag
पहला भारतीय झंडा 7 अगस्त 1906 में कलकत्ता के पारसी बगान स्कवॉयर में फहराया गया था। इस झंडे में हरे, पीले और लाल रंग की तीन पट्टियां थी। झंडे की बीच की पट्टी पर वंदेमातरम लिखा हुआ था। नीचे की पट्टी पर सूर्य और चांद का सांकेतिक चिन्ह बना हुआ था।

भारत का दूसरा झंडा 
1907 में मैडम कामा और निर्वासित क्रांतिकारियों के उनका संगठन ने पेरिस में फहराया था। यह झंडे पहले वाले से ज्यादा अलग नहीं है। इसमें हरे, पीले और नारंगी रंग की तीन पट्टियां थी। इस झंड़े की बीच की पट्टी पर भी वंदेमातरम लिखा हुआ था। नीचे की पट्टी पर सूर्य और चांद का सांकेतिक चिन्ह बना हुआ था।

तीसरा झंडा
इस भारतीय झंडे को डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने होम रूल मूवमेंट 1917 के दौरान फहराया था। इस झंडे में ऊपर की तरफ यूनियन जैक था। झंडे में बिग डिपर या सप्तर्षि नक्षत्र और अर्धचंद्र चंद्र और सितारा भी था।

चौथा झंडा
1916 में लेखक और भूभौतिकीविद् पिंगाली वेंकैया ने देश की एकजुटता के लिए एक झंडा डिजाइन किया था। इस झंडे को डिजाइन करने से पहले उन्होंने महात्मा गांधी से अनुमति ली थी।

पांचवां झंडा 
1931 में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में ऐतिहासिक बदलाव किया गया था। कांग्रेस कमेटी बैठक में पास हुए एक प्रस्ताव में भारत के तिंरगे को मंजूरी मिली थी। इस तिरंगे में केसरिया रंग ऊपर, सफेद बीच में और सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी थी। सफेद रंग की पट्टी पर नीले रंग का चरखा बना हुआ था।

पिंगली वैंकेया दिया वर्तमान तिरंगे को स्वरूप-
पिंगली वेंकैया ने झंडे का जो स्वरूप पेश किया वह छठवें नंबर का था और यही सर्वमान्य तिरंगा बना। 

आगे जानें पिंगली वेंकैया के बारे में-
वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज की कल्पना करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया का जन्म 02 अगस्त 1878 को वर्तमान में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ था। श्री वेंकैया स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधी जी के संपर्क में आए और 1921 में उन्होंने  भारत के राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया , जो सभी देशवासियों को एक साथ जोड़ सके।

उन्होंने कहा कि श्री वेंकैया ने इसके लिए 1916 से 1921 तक दुनिया के तमाम झंडो का अध्ययन किया था। उन्होंने 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस ध्वज में सफेद रंग की पट्टी और धर्म चक्र (अशोक चक्र) जोड़ा और 22 जुलाई 1947 को इंसे राष्ट्रीय ध्वज के लिए चुना गया। 4 जुलाई 1963 को श्री वेंकैया ने दुनिया को अलविदा कहा। भारत सरकार ने 2009 में इनकी याद में एक डाक टिकट जारी किया है। 

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