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फिजिक्स की परीक्षा के लिए बेसिक्स को समझें

विषय: फिजिक्स कक्षा: 12वीं  फिजिक्स एक ऐसा विषय है, जिसमें कॉन्सेप्ट को समझना बेहद जरूरी है। यह कुछ-कुछ मैथ्स से मिलता-जुलता विषय है, इसलिए इसकी तैयारी भी उसी की तरह करनी चाहिये। जानते हैं...

फिजिक्स की परीक्षा के लिए बेसिक्स को समझें
नई दिशाएं,नई दिल्ली Wed, 17 Jan 2018 02:20 PM
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विषय: फिजिक्स
कक्षा: 12वीं 

फिजिक्स एक ऐसा विषय है, जिसमें कॉन्सेप्ट को समझना बेहद जरूरी है। यह कुछ-कुछ मैथ्स से मिलता-जुलता विषय है, इसलिए इसकी तैयारी भी उसी की तरह करनी चाहिये। जानते हैं कि इस विषय में किन-किन बातों को ध्यान रखना चाहिए।
इस विषय में भी फॉर्मूलों का बहुत महत्व होता है, इसलिए बेसिक्स का ज्ञान रखना बहुत जरूरी है। इस पेपर की तैयारी के दौरान चैप्टर्स और टॉपिक्स को बहुत एकाग्रता से समझने की जरूरत होती है। इस पेपर की तैयारी करने में इंटरनेट बहुत सहायक सिद्ध होता है, क्योंकि कम्प्यूटराइज्ड ग्राफिक और एनिमेशन कॉन्सेप्ट समझने में बहुत मदद करते हैं।


फॉर्मेट
यह पेपर कुल 100 अंकों का होता है, जिसमें 30 अंक प्रैक्टिकल के लिए और 70 अंक थ्योरी के लिए निर्धारित होते हैं। प्रैक्टिकल में कुल मिला कर 2 एक्सपरिमेंट पूछे जाते हैं, जो क्रमश: 8-8 अंकों के होते हैं। प्रैक्टिकल में मिलने वाले अंक फिजिक्स में मिलने वाले कुल अंकों पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालते हैं, क्योंकि प्रैक्टिकल काफी अधिक नंबरों का होता है।

  • 30 अंकों के प्रैक्टिकल में 6 अंक प्रैक्टिकल रिकॉर्ड के होते हैं, जिनमें एक्सपेरिमेंट और एक्टिविटीज होती हैं।
  • इन्वेस्टिगेटरी प्रोजेक्ट, कुल मिला कर 3 अंक का आता है।
  • वाइवा यानी मौखिक प्रश्न कुल मिला कर 5 अंकों के पूछे जाते हैं।
  • प्रैक्टिकल के लिए भी लिखित परीक्षा की तरह 3 घंटे का समय छात्रों को दिया जाता है।

मार्किंग
कुल 70 अंकों के लिखित पेपर में थ्योरी और न्यूमेरिकल्स, दोनों से संबंधित सवाल आते हैं। छात्रों की तार्किक क्षमता को जांचने के लिए हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल्स (हॉट्स) का विशेष महत्व होता है, इसलिए कॉन्सेप्ट को समझना बहुत जरूरी है। यह पेपर शत-प्रतिशत अंक दिलाने वाला पेपर है, क्योंकि मैथ्स की तरह इस विषय में भी उत्तर में प्रत्येक स्टेप के अंक मिलते हैं। मतलब यह कि यदि आपको सवाल पूरा नहीं आता तो भी जितना सही उत्तर लिखेंगे, उतने के नंबर जरूर मिलेंगे।

  • लिखित परीक्षा में कुल मिला कर 26 प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • अति लघु उत्तरीय प्रश्न कुल मिला कर 5 आते हैं, जो 1-1 नंबर के ही होते हैं।
  • संक्षिप्त उत्तर वाले 5 प्रश्न कुल मिला कर 10 अंकों के आते हैं।
  • संक्षिप्त उत्तर वाले ही 12 प्रश्न 36 अंकों के आते हैं, जिनका उत्तर थोड़ा विस्तार से देना होता है।
  • 4 अंकों का एक प्रश्न वेल्यू बेस्ड होता है।
  • लंबे उत्तर वाले कुल 3 प्रश्न आते हैं, जो 15 अंकों के होते हैं।

सामान्य गलतियां
छात्र अकसर अति उत्साह और अति आत्मविश्वास के चलते या फिर घबराहट की वजह से प्रश्न-पत्र बिना पढ़े ही उसे सीधे-सीधे हल करने लगते हैं, जबकि शुरू के 15 मिनट उन्हें इसे ध्यानपूर्वक पढ़ने में लगाने चाहिये। या फिर अकसर वह भूल जाते हैं कि किन 2 प्रश्नों में चुनाव करना है और अपना कीमती समय उन्हीं दोनों सवालों को हल करने में गंवा देते हैं, इसलिए नंबर कटने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए ऐसा कतई न करें।

  • डायग्राम वाले सवाल बहुत ही साफ-सफाई से करें।
  • न्यूमेरिकल्स हल करते हुए छात्र अकसर स्टेप्स का ध्यान नहीं रखते और नंबर कट जाते हैं, इसलिए सवाल लॉजिकल मैनर में ही हल करें।
  • अकसर छात्र कठिन सवालों को पहले लेकर बैठ जाते हैं, जिसमें समय काफी खराब हो जाता है। इसकी बजाए जो सवाल आते हैं, उन्हें पहले हल करें।
  • ग्राफिकल और लॉजिकल सवाल सही तर्क के साथ ही लिखें।

किसी भी प्रश्न का उत्तर लिखते समय उसके निर्धारित अंकों का भी ध्यान रखें। इस तरह आप अनावश्यक लिखने से बच जाएंगे।                              
 

भवन ज्योति, पीजीटी-फिजिक्स, एऩ के़ बगरोडिया पब्लिक स्कूल, द्वारका, नई दिल्ली। 

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