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Teachers Day Speech in Hindi : कल शिक्षक दिवस पर दें यह छोटा और सरल भाषण

Teacher's Day Speech : इस दिन स्कूलों में निबंध व भाषण प्रतियोगिताएं, ड्रॉइंग व डांस कॉम्पिटीशन जैसे कार्यक्रम होते हैं। अगर आप इस दिन स्पीच देने का मन बना रहे हैं तो यहां से उदाहरण ले सकते हैं।

Teachers Day Speech in Hindi : कल शिक्षक दिवस पर दें यह छोटा और सरल भाषण
Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 5 Sep 2023 12:44 AM
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Teachers Day Speech : पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितंबर को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के प्रति सम्मान व आभार प्रकट करने का दिन है। यह दिन केवल स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों द्वारा अपने टीचरों के प्रति आभार व्यक्त करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कामकाजी पेशेवर भी इस दिन अपने गुरुओं को स्पेशल फील कराते हैं जिनसे उन्होंने जीवन में काफी कुछ सीखा,  करियर में आगे बढ़ने में मदद की और जिन्होंने उनके भविष्य को आकार दिया। शिक्षक दिवस बच्चों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। बच्चे इस दिन की तैयारी काफी पहले से ही शुरू कर देते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूल व कॉलेजों में कई बड़े कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं होती हैं। इस दिन स्कूलों में निबंध व भाषण प्रतियोगिताएं, ड्रॉइंग, वाद विवाद व डांस कॉम्पिटीशन जैसे कार्यक्रम होते हैं। अगर आप इस दिन स्पीच देने का मन बना रहे हैं तो यहां से उदाहरण ले सकते हैं। - 

शिक्षक दिवस पर भाषण ( Speech On Teacher's Day )
सुप्रभात, आदरणीय प्रिंसिपल सर/शिक्षक गण और मेरे प्रिय सहपाठियों। आज मुझे बहुत खुशी है कि शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर मुझे कुछ कहने का अवसर मिला है। हम जानते हैं कि आज हम सभी यहां शिक्षक दिवस मनाने आये हैं। इसलिए सबसे पहले मैं एक श्लोक के साथ अपने भाषण की शुरुआत करना चाहूंगा।
-  गुरुर्ब्रह्मा गुरुविष्णु: गुरुर्देव महेश्वर: गुरुर साक्षात् परम ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम: । यानी गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है, गुरुदेव ही शिव है और गुरुदेव ही मूल ब्रह्म का साकार रूप है, उस गुरुदेव को हम नमन करते हैं।

साथियों, आज इन्हीं गुरुओं को शत शत प्रणाम करने का दिन है जिन्होंने हमारे जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर कर उसे ज्ञान के प्रकाश से भर देते हैं। शिक्षक हमें सिर्फ पढ़ाते नहीं हैं, वे हमारे भविष्य को आकार भी देते हैं। हमें जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं। वे हमारी गलतियां बताते हैं, ताकि हम लगातार सुधार कर सकें। गुरु हमें जीवन के हर नए मोड़ पर आने वाली सभी कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देते हैं।

वैसे तो साल का हर दिन गुरु के प्रति सम्मान जाहिर करने का दिन है। लेकिन 5 सितंबर का दिन बेहद खास है। इसी दिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है। यह दिन उन्हें ही समर्पित है। देश के पहले उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक मशहूर दार्शनिक और शिक्षाविद थे। उनका जन्म 5 सितम्बर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में हुआ था। वह शिक्षा के बड़े पक्षधर रहे। एक बार राधाकृष्णन के कुछ शिष्यों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाने का सोचा। इसे लेकर जब वे उनसे अनुमति लेने पहुंचे तो राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा। इसके बाद 5 सितम्बर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाना तय हुआ। 

प्यारे साथियों, शिक्षक एक कुम्हार की तरह बच्चों के व्यक्तित्व को गढ़ता है। एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। आज के दिन बहुत सी जगहों पर शिक्षक सम्मान समारोह भी आयोजित होते हैं। शिक्षकों को उनके महान कार्य व उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाता है। 

अंत में मैं अपने सभी गुरुओं से आशीर्वाद लेता हूं। साथ ही उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में महान योगदान के लिए तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। इन विचारों को आपके सामने रखकर मैं अपनी वाणी पर पूर्णविराम लगा रहा हूं। धन्यवाद

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