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लापरवाही: सही जवाब होने के बाद भी 12वीं की छात्र को दिया शून्य 

सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में सही उत्तर लिखे जाने पर भी छात्र को शून्य अंक मिले। इसका खुलासा बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उस समय हुआ जब पीठ के सामने उत्तर पुस्तिका पेश की गई। हाईकोर्ट ने इस...

लापरवाही: सही जवाब होने के बाद भी 12वीं की छात्र को दिया शून्य 
लाइव हिन्दुस्तान ,नई दिल्लीThu, 22 Jun 2017 08:58 AM
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सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में सही उत्तर लिखे जाने पर भी छात्र को शून्य अंक मिले। इसका खुलासा बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उस समय हुआ जब पीठ के सामने उत्तर पुस्तिका पेश की गई। हाईकोर्ट ने इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और सीबीएसई से 23 जून को पुनमरूल्यांकन नीति समाप्त करने को लेकर जवाब मांगा है। जस्टिस संजीव सचदेवा और ए.के. चावला की अवकाशकालीन पीठ पुनमरूल्यांकन की मांग को लेकर दाखिल 12वीं की छात्र की याचिका पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने बोर्ड से कहा कि उत्तर-पुस्तिका के मूल्यांकन में इतनी बड़ी गलती को आप न्यायोचित कैसे ठहराएंगे।

पीठ ने सीबीएसई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल संजय जैन से पूछा कि इस तरह की स्पष्ट त्रुटियों पर बोर्ड कैसे सफाई देगा। हाईकोर्ट ने सीबीएसई की उन दलीलों को असंतोषजनक बताया जिसमें कहा गया था कि उत्तर-पुस्तिकाओं की जांच करने में कम गलतियों की वजह से पुनमरूल्यांकन नीति को समाप्त करने का फैसला लिया गया। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि यदि इस फैसले से एक भी छात्र का भविष्य खराब होता है तो वह गलत है। एक अंक भी महत्व रखता है। कई बार एक अंक कम होने की वजह से छात्र को मनपसंद कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाता है। पिछले हफ्ते हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सीबीएसई से उक्त छात्र की उत्तर पुस्तिका मांगी थी। इसी उत्तर पुस्तिका को देखने के बाद हाईकोर्ट ने बुधवार को सख्त टिप्पणी की।

पुनमरूल्यांकन नीति को समाप्त किए जाने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट में पिछले दो सप्ताह से सुनवाई चल रही है। ये याचिकाएं इस वर्ष 12वीं की परीक्षा देने वाले कई छात्रों की ओर से दाखिल की गई है। इन छात्रों ने याचिका में विभिन्न विषयों में उत्तर-पुस्तिकाओं के पुनमरूल्यांकन की मांग की है। हाईकोर्ट ने सीबीएसई से अगली सुनवाई 23 जून को पिछले वर्ष अक्तूबर में पुनमरूल्यांकन नीति को समाप्त करने के लिए इसके संचालक मंडल और परीक्षा समिति के दस्तावेजों को पेश करने को कहा है।

सीबीएसई अगले शैक्षणिक सत्र से 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी में कराएगा। सीबीएसई के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने बुधवार को यह फैसला लिया। अभी तक सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में होती थीं। नए शैक्षणिक सत्र में तय किया गया परीक्षा कार्यक्रम 30 दिन का होगा। इसी समय सीमा में सीबीएसई बोर्ड को परीक्षा संपन्न करानी होगी। सीबीएसई की ओर से 15 फरवरी से परीक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी जो 15 मार्च तक चलेंगी। 

कॉपी जांचने के लिए पूरा वक्त मिलेगा: परीक्षा कार्यक्रम में किए गए बदलाव पर सीबीएसई चेयरमैन आरके चतुर्वेदी का कहना है कि इससे परीक्षा की कॉपियां जांच करने के लिए पूरा वक्त मिल जाएगा। इससे कॉपियों को जांचने में आने वाली खामियां और परेशानियां दूर की जा सकेंगी। साथ ही छात्रों को भी परेशानी नहीं होगी। 

मई शुरू में आएगा परिणाम: मई के तीसरे या चौथे सप्ताह में जारी होने वाला परिणाम मई के दूसरे सप्ताह तक जारी कर दिया जाएगा। हाल ही में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में कॉपियों की जांच में कई गड़बड़ी सामने आई हैं। इससे सीबीएसई बोर्ड की छवि काफी खराब हुई है।

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