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सरकारी विभागों में भर्तियों के सॉल्वर गिरोह का सरगना रक्षा मंत्रालय में अधिकारी बन गया

विभिन्न सरकारी विभागों की भर्तियों की परीक्षाओं में आवेदकों की जगह खुद के सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का सरगना दिनेश जोगी का मामा रवि कुमार आयकर...

सरकारी विभागों में भर्तियों के सॉल्वर गिरोह का सरगना रक्षा मंत्रालय में अधिकारी बन गया
वरिष्ठ संवाददाता,नोएडाSun, 29 Nov 2020 09:49 AM
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विभिन्न सरकारी विभागों की भर्तियों की परीक्षाओं में आवेदकों की जगह खुद के सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का सरगना दिनेश जोगी का मामा रवि कुमार आयकर विभाग में इंस्पेक्टर है। रवि का दोस्त अरविंद उर्फ नैन गृह मंत्रालय में कार्यरत है। रवि और अरविंद के साथ मिलकर दिनेश गिरोह को चला रहा था। कुछ समय पहले ही दिनेश जोगी का चयन रक्षा मंत्रालय में असिस्टेंट स्टाफ ऑफिसर के पद पर हुआ है। आरोपी ने अपनी परीक्षा में भी किसी अन्य सॉल्वर को बैठाया था।

सॉल्वर की निशानदेही पर सरगना सहित अन्य पकड़े
पुलिस ने सॉल्वर की निशानदेही पर परीक्षा केन्द्र के बाहर से गिरोह के सरगना हरियाणा के पलवल स्थित गांव असावटी के दिनेश जोगी, दिल्ली पुलिस के सिपाही हरियाणा के सोनीपत के गांव गोरर के रविंद्र तैनाती मुंडका थाना दिल्ली, झज्जर के गांव जासवा कला के मंजीत तैनाती वेलकम थाना दिल्ली, पलवल के असावटी के शिव कुमार, झज्जर के गांव डहाग निवासी सोनू और हरियाणा चरखीदादरी निवासी मुकेश को गिरफ्तार किया।

दिल्ली पुलिस के सिपाही उपलब्ध कराते थे सॉल्वर
पूछताछ में सामने आया है कि दिल्ली पुलिस के आरोपी सिपाही रविंद्र और मंजीत गिरोह को परीक्षा के सॉल्वर उपलब्ध कराते थे। गिरफ्तार किए गए सॉल्वर भी सिपाहियों ने ही उपलब्ध कराए थे। सिपाही पुलिस से बचने के लिए अपनी कार में वर्दी को हैंगर पर रखते थे। ताकि पुलिस उनकी कार की तलाशी न ले सके। पुलिस ने सिपाही रविंद्र से 50 हजार रुपये, स्कार्पियों कार, दो मोबाइल, एक फर्जी लाइसेंस, एक पर्स, दिल्ली पुलिस का आईकार्ड और पुलिस की वर्दी बरामद की है। सिपाही मंजित से 50 हजार रुपये, एक मोबाइल, पर्स, दिल्ली पुलिस आईकार्ड, फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और रेनो क्विड कार बरामद की है।

सैंकड़ों लोगों से कर चुके हैं करोड़ों रुपये की ठगी
दिनेश जोगी ने पुलिस को बताया कि वह गिरोह के साथ मिलकर देशभर के सैंकड़ों लोगों से 90 करोड़ से अधिक रुपये की धोखाधड़ी कर चुका हैं।  आरोपी नौकरी दिलाने का झांसा देकर आवेदकों से लाखों रुपये लेता था। पुलिस ने जोगी 60 हजार रुपये, ब्रेजा कार, दो मोबाइल, सिपाही सतेंद्र का आईकार्ड, महेश का फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस, दो पर्स बरामद किए हैं।

सरगना को 2017  में मामा ने सिखाया था ठगी का धंधा
गिरोह वर्ष 2017 से फर्जीवाड़ा करके ठगी का धंधा कर रहा है। थाना प्रभारी ने बताया कि पूर्व में सरगना दिनेश जोगी का मामा आयकर विभाग में इंस्पेक्टर रवि कुमार गिरोह का चलाता था। उससे ही दिनेश ने ठगी का गोरखधंधा शुरु किया। इसके बाद दिनेश खुद गिरोह का सरगना बन गया। पुलिस को मामले में अब रवि और उसके साथी गृह मंत्रालय में मिनिस्ट्री होम अफेयर अरविंद उर्फ नैन की तलाश है। दोनों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। आरोपी ने अपने मामा के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की संपत्ति बना ली है। पुलिस आरोपियों के बैंक खातों की डिटेल खंगाल रही है।
 
आवेदकों से अलग-अलग परीक्षा के हिसाब से लेते थे पैसा
ग्रुप ए- 20 लाख रुपये
ग्रुप बी- 15 लाख रुपये
ग्रुप सी- 10 लाख रुपये
ग्रुप डी- 8 लाख रुपये

परीक्षा पास कराने के मिलते थे 4 लाख रुपये
दिनेश जोगी सॉल्वर को एक परीक्षा पास कराने के लिए 3 से 4 लाख रुपये देता था। इसमें कुछ रकम एडंवास के तौर पर दी जाती थी। इसके अलावा दिनेश अन्य आरोपियों के साथ हिस्सा बांटता था। आरोपियों के संपर्क में अभी बीस से ज्यादा सॉल्वर है। इनके नाम व पते के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। गिरोह दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस, एसएससी, रेलवे सहित विभिन्न सरकारी विभागों की भर्तियों की परीक्षा पास कराने के नाम पर ठगी करता है।
 
आरोपी सोनू और मुकेश करते थे आवेदकों को तैयार
पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी सोनू और मुकेश गिरोह को नौकरी की तलाश में परीक्षा की तैयारी कर रहे आवेदकों से बात करते थे। दोनों आरोपी आवेदकों को भरोसा दिलाते थे  कि उनकी जगह कोई अन्य सॉल्वर परीक्षा देगा। इसके एवज में आवेदकों से रुपये लिये जाते थे। पुलिस ने आरोपी सोनू से 50 हजार रुपये, एक मोबाइल, पर्स और मुकेश से एक मोबाइल, शिव कुमार की दो मार्कशीट व जातिप्रमाण पत्र बरामद किया है।  

बदमाशों की गिरोह की प्रोफाइल
गिरोह का सरगना-दिनेश जोगी
रविन्द्र- (सिपाही दिल्ली पुलिस)
मंजीत- (सिपाही दिल्ली पुलिस)
अमन- (सॉल्वर)
दिनेश चौधरी- (सॉल्वर)
अर्पित- (सॉल्वर)
सोनू- आवेदकों को फंसाने वाला
मुकेश-आवेदकों को फंसाने वाला  


सॉल्वर और आवेदक में अंतर करना मुश्किल
आरोपियों से बरामद फर्जी दस्तावेजों में सॉल्वर व आवेदकों में अंतर करना मुश्किल है। आरोपियों ने एक ऐप के माध्यम से तैयार चेहरे के जरिए फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाए थे। ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए ही बाकी फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे। इसके बाद ऐप के माध्यम से सॉल्वर और आवेदक की फोटो को मर्ज कर एक तीसरा चेहरा तैयार कर देता था।


दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और कई विभागों में कराई भर्ती
पुलिस पुछताछ में आरोपियों ने कुबूल किया है कि उन्होंने फर्जीवाड़ा कर दिल्ली, पुलिस, हरियाणा पुलिस और कई अन्य विभागों में लोगों की नौकरी लगवाई है। नोएडा पुलिस अब पिछले करीब तीन सालों में इस गैंग के जरिए विभिन्न विभागों में भर्ती हुए आरोपियों की कुंडली खंगालने में जुट गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इनके जरिए नौकरी पाने वाले कई आरोपी फरार हो गए हैं।

फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस व आधार कार्ड से परीक्षा केन्द्र में करते थे प्रवेश
आरोपी फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस व आधार कार्ड के जरिए परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करते थे। आरोपी ड्राइविंग लाइसेंस हरियाणा के पलवल में बनवाते थे। आरोपित दिल्ली, हरियाणा, गाजियाबाद के दुहाई व नोएडा के डिजिटल सेंटर में परीक्षा देते थे। इसी गिरोह के एक सॉल्वर शुक्रवार को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।

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