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स्कूल खोलने के लिए छात्रों और अभिभावकों से ली जा रही है राय

बिहार सरकार ने राज्य के शैक्षिक संस्थानों को जुलाई में खोलने को लेकर पहल आरंभ कर दी है। हालांकि इसपर अंतिम फैसला केन्द्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद ही लिया जाएगा लेकिन इन्हें खोलने को लेकर...

स्कूल खोलने के लिए छात्रों और अभिभावकों से ली जा रही है राय
हिन्दुस्तान ब्यूरो,पटनाFri, 05 Jun 2020 07:39 AM
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बिहार सरकार ने राज्य के शैक्षिक संस्थानों को जुलाई में खोलने को लेकर पहल आरंभ कर दी है। हालांकि इसपर अंतिम फैसला केन्द्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद ही लिया जाएगा लेकिन इन्हें खोलने को लेकर प्रदेशभर में रायशुमारी आरंभ कर दी गयी है।  शिक्षा विभाग ने जिलों से विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों से सुझाव इकट्ठा करने को कहा है। 

कोरोना संक्रमण के बीच कैसे शैक्षिक संस्थानों, स्कूलों-कॉलेजों, प्रशिक्षण संस्थानों, कोचिंग आदि को खोला जाय और कैसे सावधानियों के साथ इनका संचालन किया जाए, इसके मद्देनजर होने वाली यह रायशुमारी ऑनलाइन ही हो रही है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इसको लेकर विस्तृत निर्देश जारी किया है। 

अपने निर्देश में उन्होंने केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय के पत्र का हवाला देते हुए छात्रों-अभिभावकों की ऑनलाइन राय आमंत्रित करने को कहा है। उनसे 6 जून तक सुझाव लेने हैं। 

जिलावार इन सुझावों को संग्रहित कर 7 जून को तक माध्यमिक शिक्षा के विभागीय ई मेल पर मांगा गया है। गिरिवर दयाल सिंह ने सभी डीईओ से कहा है कि अपने-अपने क्षेत्र में अवस्थित शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों एवं विद्यालय प्रबंधन से जुड़े सदस्यों से कोविद-19 के संक्रमण के फैलाव के मद्देनजर शिक्षण संस्थान खोलने और पठन-पाठन की व्यवस्था पर उनका परामर्श प्राप्त करें। 

रायशुमारी
-  माध्यमिक निदेशक ने 7 जून तक जिलों से सुझाव संग्रह कर मांगा
-  जुलाई में शैक्षिक संस्थानों को खोलने की दिशा में शुरू हुई कार्रवाई 

दस बिंदुओं पर ली जा रही राय 
- विद्यालय, संस्थानों को किस तिथि से खोला जाय 
- कक्षाओं में नामांकन कब से प्रारंभ किया जाय
- विद्यालय के संचालन की अवधि क्या हो 
- कक्षा का संचालन अधिकतम कितने बच्चों के साथ किया जाय
- कक्षा की अवधि (घंटी) क्या हो
- कक्षा में बैठने की व्यवस्था कैसी हो 
- प्रार्थना सत्र हो अथवा नहीं 
-विद्यालय में प्रवेश व निकास की व्यवस्था कैसी हो
- विद्यालय और कक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग कैसे लागू किया जाय 
- अन्य अगर कोई बिंदु हो 

पहले सप्ताह 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी ही जाएंगे स्कूल 
पटना के कई स्कूलों ने निर्णय लिया है कि स्कूल खुलने के आदेश के बाद पहले सप्ताह में आठवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को बुलाया जायेगा। इसके अगले सप्ताह पांचवीं से सातवीं, उसके बाद कक्षा एक से चौथी के बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया जायेगा। नर्सरी के बच्चों को स्कूल तब बुलाया जायेगा, जब राजधानी में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आयेगा। प्रवेश के साथ ही हर बच्चे की स्क्रीनिंग की जायेगी। क्लास रूम के बाहर सेनेटाइजर भी रखा जायेगा। एक कक्षा से दूसरी कक्षा की छुट्टी बीच दो से तीन मिनट का अंतराल रहेगा, ताकि एक साथ भीड़ नहीं हो पाये। छुट्टी के समय स्कूल के दोनों गेट का इस्तेमाल किया जायेगा। स्कूल की बस अलग-अलग गेट पर खड़ी रहेगी। अधिकतर स्कूलों में 15 से 20 जून तक गर्मी की छुट्टियां हैं। छुट्टी खत्म होने के बाद स्कूल द्वारा टीचर्स को बुलाया जाएगा। टीचर स्कूल में आकर क्लास रूम से प्रोजेक्टर पर ऑनलाइन कक्षाएं लेना शुरू करेंगे। इस दौरान 10वीं तक के कक्षा का लैब विजिट भी ऑनलाइन करवाया जायेगा। जिससे विद्यार्थी लैब इंस्ट्रूमेंट आदि से परिचित हो सकें। इस संबंध में इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य एफ हसन ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए स्कूल की रूटीन में कई बदलाव किये जायेंगे। वहीं डान बास्को एकेडमी की प्राचार्य मेरी अल्फांसो ने कहा कि छुट्टी के वक्त हर कक्षा के बच्चे अलग-अलग समय पर बाहर निकलेंगे। 

 

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