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अधिकतर सरकारी भर्तियां एक परीक्षा से कराने की तैयारी, पढ़ें 5 खास बातें

सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को चाक-चौबंद बनाने के लिए एक ही भर्ती एजेंसी का गठन किया जाएगा। यह एजेंसी एकल परीक्षा (सामान्य पात्रता परीक्षा-कॉमन एग्जामिनेशन टेस्ट) के माध्यम से ग्रुप बी...

अधिकतर सरकारी भर्तियां एक परीक्षा से कराने की तैयारी, पढ़ें 5 खास बातें
स्मार्ट टीम ,नई दिल्लीThu, 05 Dec 2019 08:35 PM
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सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को चाक-चौबंद बनाने के लिए एक ही भर्ती एजेंसी का गठन किया जाएगा। यह एजेंसी एकल परीक्षा (सामान्य पात्रता परीक्षा-कॉमन एग्जामिनेशन टेस्ट) के माध्यम से ग्रुप बी (गैर-राजपत्रित) और ग्रुप सी पदों के लिए उपयुक्त अभ्यर्थियों का चयन करेगी। वर्तमान में केंद्र सरकार में बड़े पदों पर अभ्यर्थियों का चयन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) करता है। इसके अलावा अन्य नौकरियों के लिए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षा आयोजित करता है। बैंकों के लिए आईबीपीएस पहले से एक अलग एजेंसी है। अब इस व्यवस्था को और दुरुस्त बनाने के लिए सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट अथॉरिटी का प्रस्ताव दिया है। 

1. हर वर्ग के लिए समान अवसर उपलब्ध होगा
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रस्तावित कदम किसी भी पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को समान अवसर उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा परीक्षा कराने वाली सरकारी एजेंसियों और परीक्षा में शामिल होने वालों के लिए यह किफायती होगा। सिंह ने कहा, शासन में सुगमता और जीवन में सुगमता के लिए यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों से एक है। मंत्रालय ने इस संबंध में विभिन्न सरकारी विभागों, राज्य सरकारों, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों से इस संबंध में सुझाव मांग है। 

2. क्यों पड़ी जरूरत
वर्तमान में केंद्रीय विभागों में अलग-अलग एजेंसियां प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करती हैं। रेलवे के लिए रेलवे बोर्ड, बैंक के लिए आईबीपीएस, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एसएससी जैसी एजेंसियां विभिन्न परीक्षा का आयोजन अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार करती है। इसमें 18-20 महीने का समय लग जाता है। इस स्थिति में बहाली की प्रक्रिया में विलंब हो जाता है और खाली पदों का अंबार बढ़ता जाता है। नई व्यवस्था से खाली पदों पर जल्द बहाली संभव हो पाएगी।  

3. कट ऑफ के आधार पर दिए जाएंगे पद
चूंकि ग्रुप बी और ग्रुप सी के अंतर्गत कई विभागों और अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरी मिलती है। इस स्थिति में कट ऑफ के आधार पर पदों का वितरण किया जाएगा। 

4. एक अधिकारी ने बताया कि ग्रुप बी और सी में आमतौर पर न्यूनतम योग्यता 12वीं या ग्रेजुएट होती है। इसलिए एक मानक सामान्य परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसमें कट ऑफ के आधार पर यह तय कर दिया जाएगा कि इतने कट ऑफ पर इस विभाग या इस पद पर नौकरी मिलेगी। विद्यार्थियों को पहले से वरीयता सूची का विकल्प भरना होगा। 

5. विद्यार्थियों का स्कोर तीन साल तक वैध रहेगा और उसे अपना स्कोर सुधारने का भी मौका मिलेगा।

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