ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News करियरRRB RRC Group D Exam 2021 : कैट ने पूछा, रेलवे ग्रुप डी भर्ती की आवेदन प्रक्रिया पासपोर्ट से भी ज्यादा कठिन क्यों

RRB RRC Group D Exam 2021 : कैट ने पूछा, रेलवे ग्रुप डी भर्ती की आवेदन प्रक्रिया पासपोर्ट से भी ज्यादा कठिन क्यों

RRB RRC Group D Exam 2021 : रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा में आवेदन के दौरान साढ़े चार लाख छात्रों के फॉर्म निरस्त किए जाने के मामले की सुनवाई सोमवार को भी हुई। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, इलाहाबाद (कैट)...

RRB RRC Group D Exam 2021 : कैट ने पूछा, रेलवे ग्रुप डी भर्ती की आवेदन प्रक्रिया पासपोर्ट से भी ज्यादा कठिन क्यों
वरिष्ठ संवाददाता,प्रयागराजTue, 27 Jul 2021 11:30 AM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

RRB RRC Group D Exam 2021 : रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा में आवेदन के दौरान साढ़े चार लाख छात्रों के फॉर्म निरस्त किए जाने के मामले की सुनवाई सोमवार को भी हुई। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, इलाहाबाद (कैट) में चल रहे इस मामले में याचिकाकर्ता छात्र के अधिवक्ता सिद्धार्थ मिश्र और रेलवे अधिवक्ता के बीच जोरदार बहस हुई। दोनों ने अपने अपने तर्क रखे। 

अधिवक्ता सिद्धार्थ मिश्र ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले पर गंभीर रुख अख्तियार किया है। कहा है कि रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (आरआरसी) की आवेदन की प्रक्रिया पासपोर्ट से भी कठिन थी। ऐसा क्यों हुआ कि साढ़े चार लाख छात्रों के आवेदन निरस्त करने पड़ गए। रेलवे के अधिवक्ता ने कुछ कागज पेश करने को मंगलवार तक का वक्त मांगा। अब सुनवाई 27 जुलाई को होगी। 

अधिवक्ता ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सुनवाई हुई। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में दो जजों की बेंच में हुई सुनवाई पर हजारों छात्रों की निगाह लगी रही। फॉर्म निरस्त होने के बाद रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (आरआरसी) के रुख से नाराज करीब साढ़े चार लाख छात्र इस लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं। 
 
क्या है मामला 
आरआरसी की ग्रुप डी परीक्षा के लिए 1.15 करोड़ अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। आरआरसी ने 5.11 लाख छात्रों के आवेदन इनवैलिड फोटो और हस्ताक्षर के कारण निरस्त कर दिए। प्रभावित छात्रों ने ट्वीट और मेल किया तो आरआरसी ने सॉफ्टवेयर की गलती मानते हुए निरस्त फॉर्म फिर जमा करने को कहा। इस बार 44 हजार 422 आवेदन मंजूर कर लिए। बचे 4.5 लाख आवेदन निरस्त ही माने गए। ग्रुप डी की परीक्षा के लिए जो फोटो और हस्ताक्षर को सॉफ्टवेयर ने इनवैलिड माना वही एनटीपीसी परीक्षा में मान्य हो गए। ऐसे में 4.5 लाख छात्रों का भविष्य अधर में लटका तो उन्होंने इस लड़ाई को आगे बढ़ाया। मुख्य याचिकाकर्ता राकेश यादव का कहना है कि इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं। आरआरसी की खामियों से लाखों छात्रों का सपना टूट रहा है। ट्विटर, फेसबुक से लाखों लोगों की निगाह इस मुद्​दे पर है, हम यह लड़ाई जीतकर रहेंगे। सोशल मीडिया पर हजारों छात्रों को जोड़कर मुहिम आगे बढ़ाने वाले अमित मिश्र का कहना है कि जब सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी सामने आ गई तो महज कुछ छात्रों का फॉर्म क्यों मंजूर किया गया। शेष 4.5 लाख आवेदकों की क्या गलती है।

Virtual Counsellor