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पढ़ाई में विद्यार्थियों की मदद करेगा रोबोट

शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से तकनीक का प्रयोग बढ़ रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए कक्षा जैसी सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास चल रहा...

Kasturiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 08 Dec 2017 03:25 PM

तकनीक का बढ़ रहा प्रयोग

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शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से तकनीक का प्रयोग बढ़ रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए कक्षा जैसी सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास चल रहा है। ऑनलाइन पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पढ़ाई करने के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नया रोबोट डिजाइन किया है। ये रोबोट ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों को शिक्षक व कक्षाओं में बैठे छात्रों से ज्यादा जुड़ने और समझने में मदद करेंगे।
कक्षाओं में रहेंगे रोबोट
इस रोबोट को कक्षाओं के आसपास खड़ा कर दिया जाएगा। रोबोट में एक विडियो स्क्रीन लगा होगा जिसे रिमोट की सहायता से संचालित किया जा सकेगा। इसके द्वारा घर पर बैठे छात्र पूरी कक्षा को देख सकेंगे और शिक्षक व कक्षा के अन्य छात्रों के साथ भी बातचीत कर सकेंगे। इस जरिए छात्र को पढ़ाई करने के लिए कक्षा का माहौल मिलेगा।
आगे पढ़ें रोबोट लर्निंग के फायदे

रोबोट लर्निंग से प्रत्येक छात्र को होगा फायदा

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ऑनलाइन लर्निंग नामक जर्नल में रोबोट लर्निंग पर किया गया शोध प्रकाशित हुआ है। इस शोध के अनुसार दूरदराज में रह रहे छात्रों को रोबोट लर्निंग से ज्यादा फायदा होगा। पारंपरिक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाली पढ़ाई की तुलना में रोबोट लर्निंग इसलिए ज्यादा प्रभावकारी है क्योंकि इसमें एक-एक छात्र को व्यक्तिगत रूप से पढ़ने का अनुभव प्राप्त होगा। वहीं, विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में छात्रों के पूरे समूह को शामिल किया जाता है। मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शोधकर्ता क्रिस्टीन ग्रीनहाउ के अनुसार रोबोट लर्निंग से शिक्षकों को भी फायदा होगा। अब शिक्षक छात्रों से भरी हुई स्क्रीन की जगह रोबोट को देखकर एक-एक छात्र का मार्गदर्शन कर सकेंगे। इस तकनीक के जरिए दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों, विकलांग और बीमार छात्रों को भी मदद मिल सकेगी।
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में हो रही पढ़ाई
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ एजुकेशन में रोबोट लर्निंग के जरिए पढ़ाई शुरू हो चुकी है। यहां शोधकर्ताओं ने एजुकेशनल टेक्नोलॉजी में एक डॉक्टोरल कोर्स किया जिसमें छात्रों को तीन तरीके से पढ़ाई करवाई गई- स्वयं उपस्थित होकर, रोबोट से और विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए। इस शोध में पाया गया कि जो कोर्स फेस टू फेस लर्निंग और ऑनलाइन लर्निंग के साथ संयुक्त रूप से संचालित किया गया उसे छात्रों के बीच ज्यादा पहचान मिली। इस नई प्रणाली से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ी और उनके परिणाम भी बेहतर हुए। पिछले दशक में इस तकनीक में भारी वृद्धि हुई है और यूनिवर्सिटी में अब 80 फीसदी कक्षाएं इसी मोड में चलती हैं।