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7 आईआईटी के बाद आईआईटी बीएचयू भी टाइम्स यूनिवर्सिटी रैंकिंग के विरोध में उतरा, नहीं लेगा रैंकिंग में हिस्सा

टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का विरोध कर रहे आईआईटी संस्थानों को आईआईटी बीएचयू का भी साथ मिल गया है। देश के टॉप 7 आईआईटी संस्थानों के बाद आईआईटी बीएचयू ने भी 2020 में टाइम्स हायर...

7 आईआईटी के बाद आईआईटी बीएचयू भी टाइम्स यूनिवर्सिटी रैंकिंग के विरोध में उतरा, नहीं लेगा रैंकिंग में हिस्सा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 21 Apr 2020 02:13 PM
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टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का विरोध कर रहे आईआईटी संस्थानों को आईआईटी बीएचयू का भी साथ मिल गया है। देश के टॉप 7 आईआईटी संस्थानों के बाद आईआईटी बीएचयू ने भी 2020 में टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इसके अलावा आईआईटी मंडी ने भी कहा है कि वह पहले से ही टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग और क्यूएस रैंकिंग में शामिल नहीं होता आ रहा है। इसका मतलब है कि देश के बेस्ट इंस्टीट्यूट्स में से 9 टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। 

हालांकि उम्मीद है कि आईआईटी रोपड़ और आईआईटी इंदौर इसमें हिस्सा ले सकते हैं। 

टाइम्स रैंकिंग का बहिष्कार करने वाले संस्थान रैंकिंग तय करने की प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। पहले के सात संस्थानों में आईआईटी बंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी रुड़की हैं।
     
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सात आईआईटी इस साल रैंकिंग में शामिल नहीं होंगे। अगर टाइम्स हायर एजुकेशन उन्हें रैंकिंग प्रक्रिया में मानकों तथा पारदर्शिता को लेकर संतुष्ट कर पाया तो वे अगले साल फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।'

टीएचई और क्यूएस (क्वाकक्वारेल साइमंड्स) उच्च शिक्षण संस्थानों के दुनिया के दो सबसे प्रतिष्ठित सर्वेक्षण हैं जो लंदन से संचालित होते हैं। पिछले साल टीएचई- विश्व विश्वविद्यालय वरीयता सूची में दुनिया के शीर्ष 300 विश्वविद्यालयों में कोई भारतीय संस्थान नहीं था। 2012 में दुनिया के शीर्ष 300 संस्थानों में एकमात्र भारतीय संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) था जो बाद में 301-350 के समूह में पहुंच गया।

लंदन स्थित टीएचई पत्रिका इस सूची को जारी करती है जिसमें किसी संस्थान के शिक्षण, अनुसंधान, ज्ञानांतरण और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण आदि को लेकर उसके कामकाज को 13 मानदंडों पर मापा जाता है।

NIRF Ranking 2020: कोरोना वायरस के चलते एनआईआरएफ रैंकिंग 2020 स्थगित
देश भर में फैसले कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के चलते एनआईआरएफ रैंकिंग की घोषणा को भी स्थगित कर दिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से हर वर्ष नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग जारी की जाती है। देश के विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग, मैनेजमेन्ट और फार्मेसी संस्थानों की रैंकिंग के लिए एनआईआरएफ संस्था बनाई है। इससे पूर्व रैकिंग के लिए कोई सरकारी संस्था नहीं थी। प्राइवेट संस्थाएं रैकिंग जारी करती थीं, जिस पर तरह-तरह के सवाल उठते थे। लेकिन अब विभिन्न मानकों के आधार पर सरकार की ओर से सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को रैंकिंग दी जाती है। एनआईआरएफ रैंकिंग संस्थानों को टीचिंग लर्निंग एंड रिसोर्सेज, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम, आउटरीच एंड इंक्ल्यूसिविटी, परसेंप्शन के आधार पर दी जाती है।

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