सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, 8 छात्र निष्कासित
राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग की घटना सामने आई। आरोप है कि सीनियर छात्रों ने रात में जूनियर छात्रों के कमरों में घुसकर दंड-बैठक लगवाई और मारपीट भी की। मामले ने तूल पकड़ा तो एंटी रैगिंग कमे

इस खबर को सुनें
राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग की घटना सामने आई। आरोप है कि सीनियर छात्रों ने रात में जूनियर छात्रों के कमरों में घुसकर दंड-बैठक लगवाई और मारपीट भी की। मामले ने तूल पकड़ा तो एंटी रैगिंग कमेटी को जांच सौंप दी गई। इस मामले में आठ सीनियर मेडिकल छात्रों प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। आरोपी छात्रों को तीन-तीन माह के लिए कॉलेज और हास्टल से निष्कासित कर दिया गया है। साथ ही प्रत्येक छात्र पर 25-25 हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया है।
मामला अंबाला रोड स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज का है। आरोप है कि शनिवार रात तो एमबीबीएस-2019 के छह से अधिक छात्र वर्ष- 2022 के छात्रों के कमरों में घुस गए। सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों के साथ मारपीट की और दंड-बैठक भी लगवाई। इसमें कुछ छात्रों के घायल होने की भी खबर है। रविवार को रैगिंग का मामला कालेज प्रशासन के संज्ञान में आया तो खलबली मच गई। प्रिंसीपल डॉ. अरविंद कुमार त्रिवेदी ने एंटी रैगिंग कमेटी को जांच सौंप दी। कमेटी ने हास्टल जाकर घटनास्थल देखा, वहीं पीड़ित जूनियर छात्रों के बयान भी दर्ज कराए। कमेटी ने अन्य तथ्यों का भी अवलोकन किया।
आठ छात्र हुए निष्कासित
रैगिंग के आरोप मे एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कालेज प्रशासन ने वर्ष 2019 के आठ छात्रों को निष्कासित कर दिया है। इन छात्रों के नाम दिव्यांश जयंत, रंगलाल मीणा, सुमित, त्रिवेद, अंकित, विवेक राज और शिवम शर्मा हैं। सभी आठ छात्रों को जुर्माने के 25-25 हजार रुपये दो सप्ताह के अंदर कॉलेज प्रशासन के पास जमा कराने होंगे।
रात में ही खाली कराए हास्टल
आरोपी आठों छात्रों के प्रति मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। उनसे हास्टल खाली कराकर चाबी को प्रशासनिक अधिकारी के पास जमा करा दिया गया है।
क्या बोले जिम्मेदार?
सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग करने के मामले में आठ सीनियर मेडिकल छात्रों को कालेज और हास्टल से तीन-तीन माह के लिए निष्कासित कर दिया गया है। साथ ही विस्तार से जांच के लिए एंटी रैगिंग कमेटी को मामला रैफर कर दिया है। -डॉ. अरविंद कुमार त्रिवेदी, प्रिंसीपल, राजकीय मेडिकल कॉलेज