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प्राथमिक और मध्य विद्यालय के बच्चों को 11 माह से नहीं मिल रहा पूरक पोषाहार

झारखंड के सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को पिछले 11 माह से पूरक पोषाहार नहीं मिल रहा है। स्कूल बंद रहने की अवधि का बच्चों को चावल तो मिल रहा है, लेकिन पूरक पोषाहार के रूप...

प्राथमिक और मध्य विद्यालय के बच्चों को 11 माह से नहीं मिल रहा पूरक पोषाहार
हिन्दुस्तान ब्यूरो,रांचीSun, 22 Aug 2021 09:56 PM

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झारखंड के सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को पिछले 11 माह से पूरक पोषाहार नहीं मिल रहा है। स्कूल बंद रहने की अवधि का बच्चों को चावल तो मिल रहा है, लेकिन पूरक पोषाहार के रूप में सप्ताह में दो दिन दिए जाने वाले अंडे और कुकिंग कॉस्ट की राशि से मिलने वाली खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है। यह पिछले एक-दो महीने से नहीं, बल्कि अक्टूबर 2020 से ही लंबित है।

वर्तमान शैक्षणिक सत्र में अभी तक अंडा और कुकिंग कॉस्ट की राशि से खाद्य सामग्री खरीद कर बच्चों के बीच नहीं बांटी गई है। जिलों को राशि भेजने की बात तो की जा रही है, लेकिन राशि पहुंच नहीं रही है, जिसकी वजह से अंडा और खाद्य सामग्री खरीद कर नहीं दिया जा रहा है। सितंबर 2020 तक की पहली से आठवीं के छात्र-छात्राओं को अंडा और कुकिंग कॉस्ट की राशि का सामान उपलब्ध कराया गया था। इसके बाद से पिछले वित्तीय वर्ष के छह महीने और चालू वित्तीय वर्ष के पांच माह का पूरक पोषाहार के रूप में दिए जाने वाले अंडे या फल और कुकिंग कॉस्ट की राशि उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। सरकार के पास राशि उपलब्ध होने की बात तो कही जा रही है, लेकिन उसे जिलों में नहीं भेजा जा रहा है। पूरक पोषाहार और कुकिंग कॉस्ट की राशि नहीं दिए जाने से 2020 में आठवीं में पढ़ रहे छात्र-छात्रा इस साल 9वी में चले गए हैं, इसकी वजह से उन्हें 6 महीने का पूरक पोषाहार और कुकिंग कास्ट की सामग्री नहीं मिल पाई।

टेंडर की चल रही प्रक्रिया:
विभागीय सूत्रों की माने तो पूरक पोषाहार के रूप में अंडा देने और कुकिंग कॉस्ट की राशि से खाद्य सामग्री खरीद कर देने के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें राज्य स्तर पर या फिर जिला स्तर पर टेंडर होगा, इस पर मंथन चल रहा है। ऐसी स्थिति में एजेंसी छात्र-छात्राओं को अंडा और खाद्य सामग्री उपलब्ध करा सकेगी। इसके पूर्व छात्र-छात्राओं के खाते में कुकिंग कॉस्ट की राशि दी जा रही थी और स्कूल के द्वारा अंडा खरीद कर उपलब्ध कराया जा रहा था। कई स्कूलों ने पूर्व की कुकिंग कास्ट की राशि जारी होने पर उससे दाल, सरसों तेल, आलू, सोयाबीन बरी खरीद कर उपलब्ध कराया था।

- प्राथमिक और मध्य विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्रा : 32 लाख
- एक अंडा के लिए मिलने वाली राशि : छह रुपए
- पहली से पांचवीं के बच्चों का कुकिंग कॉस्ट : 4.97 रुपए प्रतिदिन
- छठी से आठवीं तक के बच्चों का कुकिंग कॉस्ट : 7.45 रुपए प्रतिदिन

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने बताया कि सरकारी स्कूल के बच्चों को लगभग एक साल से अंडा और कुकिंग कॉस्ट की राशि इस कोरोना महामारी में भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। चावल तो दे दिया गया, लेकिन राशि अभी तक नहीं दी गई है। इन गरीब बच्चों को कोरोना महामारी में आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद उनके ऊपर सरकार की निगाह आखिर क्यों नहीं है। चावल दे देने से और राशि नहीं देने से अभिभावक शिक्षकों पर ही सवाल उठाते हैं।

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