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UGC ने कहा, असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए PhD जरूरी नहीं, NET क्वालिफाइड होना ही काफी

यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा है कि कॉलेज या यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य नहीं है। इसके लिए सिर्फ यूजीसी नेट पास होना ही पर्याप्त है।

UGC ने कहा, असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए PhD जरूरी नहीं, NET क्वालिफाइड होना ही काफी
Pankaj Vijayलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 13 Mar 2023 02:01 PM
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा है कि कॉलेज या यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य नहीं है। इसके लिए सिर्फ यूजीसी नेट पास होना ही पर्याप्त है। उन्होंने यह बात उस्मानिया विश्वविद्यालय (ओयू) कैंपस में नवनिर्मित यूजीसी-एचआरडीसी भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान कही। यूजीसी अध्यक्ष ने यह भी बताया कि एक देश-एक डेटा पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें यूजीसी के सभी दिशानिर्देश और अन्य विवरण होंगे।

प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी की परमानेंट फैकल्टी सदस्य अपने प्रोबेशन पीरियड के दौरान पीएचडी शोधार्थियों को गाइड कर सकते हैं।   

यूजीसी ने नवंबर 2022 में पीएचडी के लिए जारी की यह गाइडलाइंस
- यूजीसी की ओर से करीब चार माह पहले जारी पीएचडी की गाइडलाइन के मुताबिक पीएचडी डिग्री कोर्स की अवधि कम से कम तीन वर्ष की होगी। इसमें कोर्स वर्क भी शामिल होंगे। पीएचडी में एडमिशन की डेट से अधिकतम छह वर्ष का समय दिया जायेगा। रीरजिस्ट्रेशन के जरिए ज्यादा से ज्यादा दो साल का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है। महिलाओं को दो साल की एक्स्ट्रा छूट दी जा सकती है।

- ऑनलाइन या दूरस्थ विधि से पीएचडी नहीं की जा सकती। 
- अब कहीं भी सेवारत कर्मचारी या शिक्षक पार्टटाइम पीएचडी कर सकेंगे। पहले सरकारी सेवारत कर्मचारियों या शिक्षकों को शोध करने के लिए अपने विभाग से अध्ययन अवकाश लेना पड़ता था।

- पहले थीसिस जमा कराने से पहले शोधार्थी को कम से कम दो शोधपत्र संदर्भित शोध पत्रिकाओं में छपवाना पड़ता था। अब पीएचडी के नए नियमों में इसकी छूट दी गई है। रिसर्च की प्रक्रिया के दौरान दो रिसर्च पेपर छपवाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। रिसर्च पेपर की अनिवार्यता खत्म कर दी है।

- यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक शादी के चलते या अन्य कारणों से पीएचडी कर रही महिला दूसरी जगह जाती है और वहां के किसी संस्थान में पीएचडी जारी रखना चाहती है तो उसे अनुमति दी जाएगी। उन्हें बार-बार भाग कर अपने शहर पीएचडी पूरी करने के लिए नहीं आना पड़ेगा। 

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