सामाजिक सुरक्षा बिल 2019 पेश: पीएफ और ग्रेच्युटी नियमों में होंगे बदलाव
PF Gratuity New Rules : सरकार ग्रेच्युटी कानून में बड़े बदलाव की तैयारी में है, इस लिए दो दिन पहले सामाजिक सुरक्षा बिल 2019 को लोकसभा में पेश कर दिया गया। सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 के मुताबिक...
PF Gratuity New Rules : सरकार ग्रेच्युटी कानून में बड़े बदलाव की तैयारी में है, इस लिए दो दिन पहले सामाजिक सुरक्षा बिल 2019 को लोकसभा में पेश कर दिया गया। सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 के मुताबिक कर्मचारियों को ग्रेच्युटी तभी मिलेगी जब वह एक संस्थान में लगातार पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद नौकरी छोड़ेंगे। सरकार ने ग्रेच्युटी बिल लोकसभा में पेश कर दिया है।
नियमों के अनुसार ग्रेच्युटी पाने की महत्वपूर्ण शर्तों के तहत कोई भी कर्मचारी इसके लिए तब योग्य होता है, जब वह किसी कंपनी में कम से कम पांस साल तक नौकरी कर चुका हो। सामाजिक सुरक्षा संहिता में कहा गया है कि पांच साल तक लगातार सेवा देना उस स्थिति में अनिवार्य नहीं होगा, जब कर्मचारी की मौत या शारिरिक रुप से अक्षम होने पर नौकरी छूट जाती है। इसमें कर्मचारी की मौत होने की स्थिति में ग्रेच्युटी उसके नॉमिनी को मिलेगी। यदि कर्मचारी ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है तो यह राशि उसके वारिस को मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार से तमाम मजदूर संगठन लबे समय से इस बात की मांग कर रहे हैं कि ग्रेच्युटी की अवधि कम की जाए। उनका तर्क यह है कि आज के प्रतिस्पर्धा भरे दौर में लोग एक जगह टिक कर नौकरी नहीं कर पाते हैं। साथ ही तेजी से बदलते स्किल सेट और बढ़ते खर्चे के माहौल में कंपनियां भी छंटनी करती रहती हैं। ऐसे में पांच साल से पहले नौकरी जाने की आशंका बनी रहती है।
आयकर छूट की सीमा भी बढ़ी
इससे पहले केंद्र सरकार ने अप्रैल 2019 में ग्रेच्युटी में मिलने वाली आयकर से छूटी की सीमा बढ़ाई थी। पहले ग्रेच्युटी की 10 लाख रुपए तक की राशि आयकर मुक्त होती थी लेकिन छूट बढ़ने के बाद अब 20 लाख रुपए तक की रकम आयकर से मुक्त होगी।
ऐसे करें अपनी ग्रेच्युटी की गणना-
अगर आप निजी क्षेत्र के पेशेवर हैं और ग्रेच्युटी में मिलने वाली रकम की गणना को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं तो आप आसानी से अपने काम के साल और वेतन के जरिये मिलने वाली ग्रेच्युटी की गणना कर सकते हैं।
उदाहरण -
मूल वेतन व महंगाई भत्ता : 50,000
सेवा काल : 12 वर्ष
वेतन को 26 से भाग करें = 50000/26 = 1923
एक साल की ग्रेच्युटी के लिए 15 से गुणा करें= 1923x15 = 28,845
12 साल की ग्रेच्युटी = 28845x12 = 3,46,140
आयकर छूट की सीमा बढ़ी
आयकर की धारा, 1961 के तहत 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी की रकम को कोई कर नहीं देना होता है। पहले यह सीमा 10 लाख रुपये की थी। संशोधन के बाद सरकार ने ग्रेच्युटी की बढ़ी हुई सीमा के दायरे में सभी सरकारी कर्मचारियों, पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी ऐक्ट के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ इस ऐक्ट के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारी को भी शामिल किया है।
समयसीमा घटाने की मांग
देश भर में निजी क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों को राहत देने के लिए कर्मचारी यूनियनों की ओर से ग्रेच्युटी की समय सीमा को पांच साल से घटाकर तीन साल करने की मांग हो रही है। कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक सरकार की तरफ से यह पहल की जा सकती है।
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