गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद सिंह चुडास्मा ने रविवार को कहा कि मोबाइल फोन, लैटपटॉप एवं अन्य गजट पर बच्चे घंटों तक कार्टून देखते हैं एवं गेम खेलते हैं, ऐसे में वे इन चीजों से 'संस्कृति, अनुशासन एवं धर्म' का पाठ पढ़ सकें, इसके लिए इन्हें और 'अर्थपूर्ण' बनाया जाना चाहिए।
वह कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के आलोक में प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के ऑनलाइन शिक्षा पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। चुडास्मा ने प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री विभावरी दवे एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ शनिवार को 'डिजिटल बातचीत' की। इस दौरान बाल रोग विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक एवं शिक्षक भी मौजूद थे। इस बैठक का मकसद प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के आनलाइन शिक्षा के सिलसिले में विचार-विमर्श करना था।
चुडास्मा ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ''एक चर्चा में हिस्सा लेते हुए मैंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि घर पर बच्चे फोन, टेबलेट अथवा लैपटॉप पर सुबह से शाम तक घंटों कार्टून देखते हैं एवं गेम खेलते हैं जो संस्कृति, अनुशासन अथवा धर्म का पाठ पढाने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा, ''एक विकल्प के तौर पर मैंने कहा कि हमें मौजूदा कार्टून की अपेक्षा अर्थपूर्ण कार्टून बनाना चाहिए। गेम भी अर्थपूर्ण होना चाहिए और उनका निर्माण इस प्रकार किया जाना चाहिए कि बच्चे जितना अभी देखते हैं उससे अधिक इन अर्थपूर्ण कार्टून एवं गेम को पसंद करें।'
उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने पिछले तीन महीनों से शारीरिक एवं डीजिटल शिक्षा को मिला दिया है और बहुत कम समय में 'अप्रत्याशित सफलता' मिली है। गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल ही में अपने फैसले में राज्य सरकार से ऑनलाइन शिक्षण के संबंध में स्कूलों के साथ मिलकर तौर-तरीके विकसित करने पर काम करने के लिए कहा था। साथ ही यह भी विचार करने के लिए कहा था कि क्या यह बहुत छोटे बच्चों के लिए ठीक रहेगा।