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NLSIU बेंगलुरु अलग से आयोजित करा सकता है प्रवेश परीक्षा - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू), बेंगलुरु के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते शुक्रवार को निर्देश दिया कि कल (12/09/2020) को आयोजित कराई जा सकती है। लेकिन यह भी...

NLSIU बेंगलुरु अलग से आयोजित करा सकता है प्रवेश परीक्षा - सुप्रीम कोर्ट
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 11 Sep 2020 02:54 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू), बेंगलुरु के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते शुक्रवार को निर्देश दिया कि कल (12/09/2020) को आयोजित कराई जा सकती है। लेकिन यह भी स्पष्ठ किया अदालत की अनुमति के बिना न तो परिणाम जारी किए जा सकते और नही एडमिशन किए जा सकते।

एनएलएसआईयू के पूर्व कुलपति प्रो वेंकट राव ने विश्वविद्यालय के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें विश्वविद्यालय ने अचानक प्रवेश परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया था। यह परीक्षा पहले अप्रैल में आयोजित की जानी थी लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

प्रो राव ने अपनी याचिका में दावा किया था कि विश्वविद्यालय के वर्तमान वीसी सुधार कृष्णास्वामी ने अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया जो कि मनमाना है। वीसी ने इसके लिए एकेडमिक काउंसिल से अनुमति नहीं ली। वीसी के पास अलग से प्रवेश परीक्षाएं कराने कोई आधार नहीं है। याचिका में मांग की गई थी कि वीसी ने अलग से प्रवेश परीक्षाएं कराने का जो नोटिस जारी किया है उसे रद्द किया जाए।


सुप्रीम कोर्ट के साथ ही एनएलएसआईयू के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई थी। मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस संबंध में रेनिया धर एवं अन्य ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बंगलुरु में नामांकन क्लैट से होता था। लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी अलग से प्रवेश परीक्षा ले रही है, जो उचित नहीं है।

केंद्र सरकार और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बंगलुरु की ओर से बताया गया कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। यूनिवर्सिटी अलग से परीक्षा ले सकती है। दोनों की ओर से अदालत के क्षेत्राधिकार का भी मुद्दा भी उठाया गया। अदालत को बताया गया कि यह मामला पूरे देश से जुड़ा है, ऐसे में झारखंड हाईकोर्ट इस पर सुनवाई नहीं कर सकता, जबकि प्रार्थियों का कहना था कि झारखंड के छात्र भी क्लैट के माध्यम से परीक्षा में शामिल होकर बंगलुरु में नामांकन लेना चाहते हैं, इस कारण झारखंड हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई कर सकता है। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

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