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व्यापक शोध व परामर्श के बाद विभिन्न विषयों की नई पाठ्यपुस्तकें तैयार की जाएंगी : केंद्र 

सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा के बाद राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा (एनसीएफ) तैयार की जा रही है और व्यापक शोध व परामर्श के बाद इतिहास सहित सभी विषयों में नयी...

व्यापक शोध व परामर्श के बाद विभिन्न विषयों की नई पाठ्यपुस्तकें तैयार की जाएंगी : केंद्र 
एजेंसी,नई दिल्लीThu, 05 Aug 2021 06:39 PM

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सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा के बाद राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की नयी रूपरेखा (एनसीएफ) तैयार की जा रही है और व्यापक शोध व परामर्श के बाद इतिहास सहित सभी विषयों में नयी पाठ्यपुस्तकों का विकास किया जाएगा। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। 

उनसे सवाल किया गया था, ''क्‍या सरकार को जानकारी है कि हमारी इतिहास की पाठ्यपुस्‍तकें हमारे राजाओं और साम्राज्‍यों को बहुत कम या कोई स्‍थान नहीं देती हैं और ब्रिटिश शासकों का झूठा महिमामंडन करती हैं। इसके जवाब में प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने सूचित किया है कि इतिहास की पाठ्यपुस्तकों सहित उनकी पाठ्यपुस्तकों का वर्तमान सेट राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ), 2005 के आधार पर तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की घोषणा के परिणामस्वरूप एक नया एनसीएफ तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद व्यापक शोध और परामर्श के पश्‍चात इतिहास सहित सभी विषयों में नयी पाठ्यपुस्तकों का विकास किया जाएगा।

प्रधान ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि शिक्षा मंत्रालय मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (एसपीक्यूईएम) की देख-रेख करता था। एसपीक्यूईएम के दिशा-निर्देशों के अनुसार, वित्तीय सहायता उन मदरसों को दी जाती थी जो किसी भी मान्य्ता प्राप्त स्कूल शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) आदि से संबद्ध हैं। 

उन्होंने कहा कि योजना के तहत कोई भी सहायता प्राप्त करने के लिए मदरसों को राज्य सरकार से स्कूलों के रूप में मान्यता प्राप्त करनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह योजना एक अप्रैल, 2021 से अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।

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