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NEP 2020: नई शिक्षा नीति से सेनाओं को अच्छे जवानों की भर्ती में मिलेगी मदद- CDS बिपिन रावत

NEP 2020: पिछले सप्ताह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी मिलने के बाद देशभर इसके दूरगामी परिणामों और विशेषताओं पर चर्चा शुरू हो गई है। इसी बीच शनिवार को देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने...

NEP 2020: नई शिक्षा नीति से सेनाओं को अच्छे जवानों की भर्ती में मिलेगी मदद- CDS बिपिन रावत
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 03 Aug 2020 02:23 PM
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NEP 2020: पिछले सप्ताह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी मिलने के बाद देशभर इसके दूरगामी परिणामों और विशेषताओं पर चर्चा शुरू हो गई है। इसी बीच शनिवार को देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति से देश में सीखने की प्रक्रिया में काफी बदलाव देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए ग्रामीण इलाकों के युवाओं को पहचानने में मदद मिलेगी।

एनईपी 2020 सभी स्तरों पर अध्ययन की प्रक्रिया में बदलाव लाएगी। यहीं बदलाव सेनाओं को ग्रामीण इलाकों के बेहतर युवाओं को पहचानने में मदद करेगा। नई शिक्षा नीति से ग्रामीण इलाकों के उन युवाओं को पहचानने में मदद मिलेगी जिन्होंने सेना में जवान बनने के लिए व्यवहारिक और नवीनीकरण के नजरिए को अपनाया है। 

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तारीफ करते हुए देश के सबसे वरिष्ठ सेना अफसर सीडीएस रावत ने कहा, 'क्रिया-कलाप आधारित प्राथमिक लेवल से प्रतिभा वाली पीढ़ी बनाने जिसका फोकस नए-नए विचारों और शोध आधारित ज्ञान पर हो ऐसा नई शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है। हम इस बात के गवाह बनेंगे कि हमारे युवाओं में सही तरीके हुनर विकसित हो रहे हैं जो उन्हें रोजगार के मौके तलाशने में मदद करेंगे।'

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उन्होंने कहा, कॉलेज लेवल पर मल्टी-एंट्री और एग्जिज योजना युवाओं के लिए एक स्वागत करने योग्य बदलाव होगा। छात्रों को पढ़ाने वाले स्टाफ को भी इस बात के लिए तैयार करना होगा, क्योंकि उन्हें आगे आकर बदलाव का नेतृत्व करना होगा।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 10+2 के पैटर्न को समाप्त कर 5+3+3+4 के पैटर्न को लागू करने का प्रस्ताव रखा गया है। साथ ही प्राथमिक स्तर पर बच्चों को रटाने की बजाए क्रिया-कलाप आधारिक ज्ञान को महत्व दिया गया है।

नई शिक्षा नीति में हायर एजुकेशन की बात करें तो ग्रेजुएशन में कोई छात्र तीन साल की डिग्री पूरी करने से पहले पढ़ाई छोड़ सकता है वह भी बिना नुकसान के। एक साल में छात्र को डिग्री सर्टिफिकेट कोर्स, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री कोर्स माना जाएगा। ऐसी स्थिति में बीच बढ़ाई छोड़ने वालों का साल बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा।

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