Hindi Newsकरियर न्यूज़NEET UG PG : good news for MBBS MD MS students UP govt scraps 5 lakh fine of bond policy quitting course midway

MBBS और MD व MS कर रहे छात्रों को यूपी सरकार ने दी बड़ी राहत, लेकिन एक सजा का भी किया ऐलान

यूपी में एमबीबीएस, एमडी, एमएस कोर्स कर रहे मेडिकल स्टूडेंट्स अगर पढ़ाई बीच में ही छोड़ते हैं तो उन्हें अब लाखों रुपये का जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा। लेकिन ऐसे स्टूडेंट्स को अगले साल एडमिशन नहीं मिलेगा।

MBBS और MD व MS कर रहे छात्रों को यूपी सरकार ने दी बड़ी राहत, लेकिन एक सजा का भी किया ऐलान
Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 3 Aug 2024 10:49 AM
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यूपी सरकार ने अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत दी है। योगी सरकार ने ऐलान किया है कि विभिन्न सरकारी, स्वायत्त और प्राइवेट मेंडिकल व डेंटल कॉलेजों के स्टूडेंट्स अगर कोर्स बीच में छोड़ते हैं तो उन्हें जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विधान परिषद में बताया कि राज्य सरकार ने सीट छोड़ने को लेकर बनी बॉन्ड पॉलिसी को खत्म कर दिया है। एमबीबीएस, एमडी, एमएस कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स अगर पढ़ाई बीच में ही छोड़ते हैं तो उन्हें अब लाखों रुपये का जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा। अभी तक अगर कोई एमबीबीएस या बीडीसी कोर्स का स्टूडेंट बीच में कोर्स छोड़ता था तो उसे एक लाख जुर्माना भरना पड़ता था और एमडी व एमएस कर रहे डॉक्टरों को 5 लाख का जुर्माना देना होता था। 

मिलेगा ये सजा- अगले साल नहीं मिलेगा एडमिशन
विधान परिषद में समाजवादी पार्टी नेता मान सिंह यादव के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग संभाल रहे पाठक ने कहा 'हालांकि, ऐसे छात्रों को आगामी शैक्षणिक सत्र में एडमिशन लेने से रोक दिया जाएगा।' यानी ये मेडिकल स्टूडेंड्टस कोर्स छोड़ने के बाद के शैक्षणिक सत्र में फिर से एडमिशन नहीं ले सकेंगे।' 

पाठक ने कहा, "किसी भी मेडिकल छात्र को सत्र के बीच में सीट खाली करने के लिए जुर्माना नहीं देना होगा। राज्य सरकार मानती है कि छात्रों के व्यक्तिगत हालात उन्हें इस तरह के निर्णय लेने को मजबूर कर सकते हैं। हमारा प्रशासन मेडिकल छात्रों की जरूरतों के प्रति सहानुभूति रखता है।" सपा नेता ने आरोप लगाया था कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) के कई छात्रों को सीट छोड़ने के बॉन्ड के कारण उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। सीट छोड़ने के बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने का नियम पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों के बीच काफी काम आम बात है। यह पॉलिसी कोर्स करने के लिए छात्र की प्रतिबद्धता को सुरक्षित करने, अचानक सीट छोड़ने से बचने, सीट-ब्लॉकिंग मुद्दे को हल करने और मेडिकल सीटों की बर्बादी को रोकने के लिए शुरू की गई थी। यूपी सरकार ने यह राशि 5 लाख रुपये तय की थी जबकि कई राज्य इसके लिए 40 लाख रुपये तक वसूल रहे हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि  चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक  किंजल सिंह ने बॉन्ड को लेकर 24 जुलाई को आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है, "मेडिकल छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने सीट छोड़ने के लिए बॉन्ड और जुर्माने के प्रावधान को खत्म करने का संकल्प लिया है। इसके बजाय, ऐसे छात्रों को अगले शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने से रोकने की नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की सिफारिश को लागू किया जाएगा।"

सिंह ने जनवरी माह में एनएमसी द्वारा जारी एक पत्र पर कार्रवाई की थी। मेडिकल कॉलेजों में पीजी मेडिकल छात्रों के तनाव व  चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एनएमसी के स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष डॉ अरुणा वी वाणीकर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा सचिवों को लिखा था। इस संबंध में एनएमसी की एंटी-रैगिंग समिति ने भी 9 जनवरी को सिफारिशें की थीं। एसजीपीजीआईएमएस के कार्यकारी रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी ने इस कदम को व्यावहारिक और छात्रों के हित में बताया।

विभागीय अधिकारियों का मानना ​​है कि इस कदम से राज्य भर के विभिन्न मेडिकल शिक्षण संस्थानों में पढाई कर रहे एक लाख से अधिक मेडिकल छात्रों को लाभ होगा। एसजीपीजीआईएमएस के एक पीजी छात्र ने कहा, "सीट छोड़ने का बॉन्ड आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक अभिशाप था।"

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