ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News करियरNEET Result 2020 : गजब! इस सरकारी स्कूल की 71 में से 36 लड़कियों ने पास की नीट परीक्षा

NEET Result 2020 : गजब! इस सरकारी स्कूल की 71 में से 36 लड़कियों ने पास की नीट परीक्षा

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्र छात्राओं ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) में बेहतर परिणाम लाया है। सर्वोदय कन्या विद्यालय मोलरबंद की 71 छात्राओं ने नीट की परीक्षा दी थी, जिसमें से 36...

NEET Result 2020 : गजब! इस सरकारी स्कूल की 71 में से 36 लड़कियों ने पास की नीट परीक्षा
प्रमुख संवाददाता,नई दिल्लीSat, 24 Oct 2020 08:48 AM
ऐप पर पढ़ें

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्र छात्राओं ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) में बेहतर परिणाम लाया है। सर्वोदय कन्या विद्यालय मोलरबंद की 71 छात्राओं ने नीट की परीक्षा दी थी, जिसमें से 36 छात्राओं ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की है। निम्न मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग से ताल्लुक रखने वाली यह छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन कर अपने स्कूल का नाम रोशन किया है। शुक्रवार को इस स्कूल की प्रिंसिपल सुजाता टमटा ने नीट उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को मिलने के लिए बुलाया था। वह बताती हैं कि जब मुख्यमंत्री के पास रिपोर्ट गई थी तब हमारे यहां 29 बच्चों के उत्तीर्ण होने की सूचना थी, लेकिन अब यह आंकड़ा 36 पहुंच चुका है। हमारे स्कूल का परिणाम 50 फीसद से अधिक है। 

सुजाता टमटा बताती हैं कि सरकारी स्कूलों के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है बस उनको प्रेरित करने की आवश्यकता है। हमे नीट की तैयारी कर रही छात्राओं पढ़ाई के तरीके में बदलाव किया। हम व्यक्तिगत तौर पर एक एक बच्चों का ध्यान दिया। 

तीन बच्चों को एक शिक्षक ने लिया गोद 
सुजाता टमटा ने बताया कि हमने पढ़ाई का तरीका भी बदला, जिससे यह परिणाम आया है। पढ़ाई के लिए हमारे तीन बच्चों को एक शिक्षक ने गोद लिया और उसको पूरी तरह मॉनीटर किया। इसके अलावा अतिरिक्त कक्षाएं शुरू की, बच्चों में तनाव न हो इसके लिए हैप्पिनेस करिकुलम है। इसके अलावा हमने बच्चों के मेडिटेशन, एक्टिविटीज कराकर खुश रखने की कोशिश करते हैं। यह निर्देश दिया गया था कि बच्चे की छोटी-छोटी आशंका शिक्षक दूर करेंगे। इसके लिए यदि बच्चा शिक्षक के घर भी फोन करता है तो वह उसका जवाब देंगे और शिक्षकों ने दिया।

girls  who cracked neet  with teachers

शिक्षकों के फिटनेस पर भी ध्यान दिया 
हमने न केवल छात्राओं के बल्कि शिक्षकों के फिटनेस पर भी काफी ध्यान दिया। उनको भी तनाव मुक्त रखा। यह मेरा एक अलग कांसेप्ट है, जिसमें मैंने कहा कि वह तनावमुक्त होकर पढ़ाएं यदि उनकी कोई व्यक्तिगत परेशानी थी उसे भी हमने हल करने की कोशिश की। इससे शिक्षकों से जितना मैं चाहती हूं उससे अधिक देने का उन्होंने प्रयास किया।

बहन से मिली डॉक्टर बनने की प्रेरणा
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दसवें स्थान पर नीट की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली बबिता शर्मा को बहन शोभना शर्मा को देखकर डाक्टर बनने की प्रेरणा मिली और उन्होंने नीट की तैयारी की। उनका कहना है कि मेरी बहन एमडी है।  सरकारी स्कूल व उसके शिक्षक किसी निजी स्कूल के शिक्षक से कम नहीं हैं। हम सभी भाई बहन इसी स्कूल में पढ़ते हैं। भाई शाम की पाली में पढ़ता है। 

माता पिता नहीं है चाचा ने किया सहयोग
आकांक्षा गुप्ता बताती हैं कि मेरे मां पिता नहीं हैं, लेकिन मेरे चाचा और हमारे स्कूल के शिक्षकों ने मेरा काफी सहयोग किया। मैं इसकी तैयारी कर रही थी तभी हमें उम्मीद थी कि मैं इसमें सफल हो जाऊंगी। आकांक्षा गुप्ता 22000 रैंक के साथ उत्तीर्ण किया। उनका कहना है कि 27 अक्तूबर से होने वाली काउंसिलिंग में हिस्सा लेंगी। 

हमारे शिक्षक ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया 
ऋतिका का कहना है कि यह मैंने सुना था कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है, लेकिन जब मैंने यहां एडमिशन लिया तो यह भ्रम दूर हो गया। हमारे स्कूल के शिक्षकों के काफी बेहतर पढ़ाया। उन्होंने हर संभव हमारी मदद की। सबसे अधिक यहां वाइस प्रिंसिपल ने हमें बहुत सहयोग किया। 

सफलता के लिए टीम वर्क ने निभाई भूमिका
डॉ. संपूर्णानंद एसकेवी नंबर 1 सी ब्लाक यमुना विहार की 24 छात्राओं ने नीट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस स्कूल की प्रिंसिपल सरोज मथेला ने बताया कि इस सफलता का श्रेय स्कूल के सभी शिक्षकों को छात्राओं को जाता है। यह टीम वर्क है। हमने जो पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग की थी, जिसमें अभिभावकों को भी इसके बारे में बताया था। इसके अलावा हमें छात्राओं के स्वास्थ्य और बाकी चीजों का काफी ध्यान रखा। 

इसी स्कूल में संजय प्रकाश शर्मा परामर्शदाता शिक्षक (मेंटर टीचर्स) हैं। उनका कहना है कि हमने अपने स्कूल में एक प्रोग्राम चलाया था जिसका नाम था अपने स्कूल को जाने। इसमें गेटकीपर से लेकर प्रिंसिपल और बाकी कर्मचारियों के साथ बैठक की और एक दूसरे से पूछा कि हमारी एक दूसरे से क्या अपेक्षाएं हैं। मैं ऐसा क्या करूं कि दूसरे को काम करने में आसानी हो। इससे एक वर्क कल्चर बन गया। हमने इसमें अपनी अपनी भूमिकाओं और हम स्कूल में क्यों हैं इसके बारे में चर्चा की। इसके अलावा 10वीं के परीक्षा परिणाम को भी एनॉलासिस किया। सब शिक्षकों ने कहा कि हम हर कोर्स के बाद बहुविकल्पीय सवाल पूछेंगे। शिक्षक के पढ़ाने के बाद बच्चों से भी प्रस्तुतिकरण करने को कहा। इससे छात्र में विषय वस्तु की समझ विकसित हुई और उन्होंने बेहतर परिणाम दिया।

मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी धूम मचा दे
एसकेवी नूर नगर में 23 छात्राओं ने नीट की परीक्षा उत्तीर्ण की। यह मुस्लिम बहुल इलाका है और अधिकांश छात्राएं मुस्लिम हैं। इस स्कूल की वाइस प्रिंसिपल मुदस्सिर जहां का कहना है कि साइंस में कुल 81 विद्यार्थी थे जिसमें से 69 ने बायजॉली के हैं जिसमें से 63 शामिल हुए और 23 छात्राओं ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की। स्कूल की प्रिंसिपल जहां ने बताया कि हमने अपने बच्चों को भी यह सिखाया और स्कूल में लिखा भी है कि मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी धूम मचा दे। बच्चे एक शिक्षक की दौलत हैं। इन छात्राओं ने काफी मेहनत की है हमारे शिक्षकों ने भी मेहनत की है। जिसका यह परिणाम है। हम लोग इन बच्चों की नीट की काउंसलिंग भी करवाएंगे। हमने शिक्षकों को भी बताया कि शिक्षण को वह समाज सेवा की तरह लें। 

Virtual Counsellor