NEET PG: अब जीरो अंक वाले करेंगे MD MS, बिकेंगी मेडिकल पीजी सीटें, फैसले पर भड़के डॉक्टर, सुना रहे खरी खोटी
NEET PG Cut Off : नीट पीजी प्रवेश परीक्षा में शून्य अंक लाने वाले भी सरकारी एवं प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की एमडी, एमएस जैसी पोस्ट ग्रेजुएट सीटों पर दाखिला ले सकेंगे। कट ऑफ को घटाकर शून्य कर दिया है।

नीट पीजी प्रवेश परीक्षा में शून्य अंक लाने वाले भी सरकारी एवं प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की एमडी, एमएस जैसी पोस्ट ग्रेजुएट सीटों पर दाखिला ले सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट पीजी की कट ऑफ को घटाकर शून्य कर दिया है। पहले सामान्य वर्ग के लिए 50, पीडब्लूडी के लिए 45, आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी थी। सरकार के इस फैसले पर डॉक्टरों का एक तबका बुरी तरह भड़क गया है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फैइमा) ने फैसले का विरोध किया है। अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने कहा कि कोई अभ्यर्थी माइनस में भी अंक हासिल करता है तो भी वह विशेषज्ञ डॉक्टर बन सकता है। इससे सीटों की बिक्री अधिक होगी। इसके विपरीत फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि अब बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स पीजी सीटों पर एडमिशन ले सकेंगे जो कि पहले खाली जाने वाली थीं।
सोशल मीडिया पर कुछ मेडिकल ग्रेजुएट्स व सीनियर डॉक्टरों ने कहा है कि अगर जीरो कटऑफ ही करनी है तो फिर नीट पीजी एग्जाम हो ही क्यों रहा है। इसका मतलब क्या रह गया जब जीरो और नेगेटिव मार्क्स वाले एडमिशन के पात्र हो जाएंगे। डॉ. नोमेद ने कहा, 'नीट पीजी कटऑफ 0 होने से अब रईस उम्मीदवार मेडिकल पीजी के योग्य हो जाएंगे।' डॉ मंजीत धीमान ने लिखा - 'ये क्या बकवास है!! एमडी/एमएस नया बीटेक है! ये मेडिकल करियर का अंत है!'
एक यूजर ने लिखा, 'नीट पीजी कटऑफ को शून्य परसेंटाइल करने से एक्सपर्ट्स क्वालिटी से समझौता होगा, मरीजों की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी। निजी मेडिकल कॉलेजों को अत्यधिक लाभ होगा। योग्यता-आधारित चयन और चिकित्सा क्षेत्र की प्रतिष्ठा, नैतिकता को धक्का लगेगा। मोटी फीस के चलते प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की पीजी सीटों को कोई लेने वाला नहीं है। जो कोई भी भुगतान कर सकता है, उससे सीटें भरने के लिए कटऑफ को शून्य कर दिया जाता है? फिर परीक्षा क्यों आयोजित करें?
NEET PG 2023 Cut Off : स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा फैसला, नीट पीजी कटऑफ घटाकर शून्य की
डॉ. देवाशीष पालकर ने लिखा, 'नीट पीजी कट-ऑफ शून्य होने के साथ छात्रों के पास अब एक विकल्प है- या तो एमबीबीएस के दौरान दिन-रात पढ़ाई करें और पीजी सीट हासिल करें, या फिर पार्ट टाइम काम कर सकते हैं, कुछ इन्टरप्रिन्योरशिप कर पैसा कमा सकते हैं और सीधे पीजी सीट खरीद सकते हैं!'
डॉ.लक्ष्य मित्तल ने लिखा, 'कटऑफ को शून्य करने को नकारात्मक दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि पीजी सीटों पर प्रवेश अभी भी योग्यता के आधार पर ही होगा। इसलिए, कृपया इस निर्णय का स्वागत करें और इसके संबंध में किसी भी नकारात्मक अर्थ से बचें।'
कटऑफ को शून्य करना नीट की साजिश को उजागर करता है: उदयनिधि स्टालिन
द्रविड़ मुनेत्र कषगम(डीएमके) नेता ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-परास्नातक (नीट-पीजी)-2023 में काउंसलिंग के लिए अनिवार्य 'क्वालिफाइंग परसेंटाइल' को घटाकर शून्य कर देना इस राष्ट्रीय परीक्षा की साजिश को उजागर करता हैउन्होंने कहा कि छात्रों और अभिभावकों के बीच सवाल इस परीक्षा की आवश्यकता को लेकर है जिसमें केंद्र सरकार एक ओर तो पात्रता पर अड़ी हुई है जबकि दूसरी ओर कहती है कि चिकित्सा के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश सिर्फ नीट में उपस्थित होकर ही लिया जा सकता है। तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इस विकास ने उनकी पार्टी के रुख को साबित कर दिया है कि कोचिंग केंद्रों और निजी मेडिकल कॉलेजों को समृद्ध बनाने के लिए नीट एक व्यवस्था है।
