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NEET : मानसिक बीमारी नहीं बनेगी MBBS एडमिशन में बाधा, मिलेगा आरक्षण का भी लाभ

NEET MBBS Admission : राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि मानसिक बीमारी के लक्षण अब एमबीबीएस कोर्स की आगे की पढ़ाई में बाधा नहीं बन सकते।

NEET : मानसिक बीमारी नहीं बनेगी MBBS एडमिशन में बाधा, मिलेगा आरक्षण का भी लाभ
Pankaj Vijayएजेंसी,नई दिल्लीWed, 13 Sep 2023 12:09 PM
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NEET MBBS Admission : राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि मानसिक बीमारी के लक्षण अब एमबीबीएस कोर्स की आगे की पढ़ाई में बाधा नहीं बन सकते और दिव्यांगता मूल्यांकन के बेहतर तरीके तैयार होने के बाद ऐसे अभ्यर्थियों के लिए भविष्य में आरक्षण लाभ पर विचार किया जा सकता है। देश में मेडिकल  एजुकेशन को नियंत्रित करने वाले एनएमसी से 18 मई को शीर्ष अदालत ने एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश में आरक्षण देने के लिए मानसिक बीमारियों, विशेष शिक्षण विकार और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार वाले छात्रों की दिव्यांगता मूल्यांकन के विकसित तरीकों की जांच करने के लिए संबंधित विषय के विशेषज्ञों का एक पैनल स्थापित करने को कहा था।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एमबीबीएस में एडमिशन चाहने वाले एक अभ्यर्थी की ओर से पेश वकील गौरव कुमार बंसल की दलीलों पर ध्यान दिया कि कई देश न केवल मानसिक बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को मेडिकल शिक्षा हासिल करने की अनुमति दे रहे हैं, बल्कि उन्हें दाखिले में आरक्षण भी दे रहे हैं।

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शीर्ष अदालत ने बंसल को एमबीबीएस कोर्स में मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों के प्रवेश और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत फिलहाल उन्हें आरक्षण न देने के मुद्दे पर एनएमसी के नए दिशानिर्देशों को चुनौती देने के लिए याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी। 
         
पीठ ने हालांकि इस तथ्य को स्वीकार किया कि एनएमसी ने डोमेन विशेषज्ञों की समिति गठित की और मुद्दे की जांच के बाद कुछ दिशानिर्देश जारी किए। एनएमसी ने कहा कि आठ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने इस मुद्दे पर चर्चा की। 
     
इसने अपनी रिपोर्ट में कहा, “बैठकों में विशेषज्ञ सदस्यों से प्राप्त अनुशंसाओं पर गहन विचार-विमर्श के बाद, अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि मानसिक बीमारी के संबंध में, 'मानसिक बीमारी का लक्षण अब चिकित्सा शिक्षा (एमबीबीएस) करने की पात्रता के लिए बाधा नहीं बन सकता, बशर्ते अभ्यर्थी प्रतिस्पर्धी प्रवेश परीक्षा, जैसे-नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट में आता हो।”

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