नीट स्कोर, कैटेगरी, फीस के हिसाब से MBBS में एडमिशन की संभावना का आकलन करें, NEET काउंसलिंग के दौर के लिए इन बातों को समझें
ये बात समझना जरूरी है कि हर काउंसलिंग और हर राउंड के अपने अलग नियम और शर्तें होती हैं। आमतौर पर हर काउंसलिंग के कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा चार राउंड्स होते हैं। हर बच्चे और माता-पिता को काउंसलिं

ये बात समझना जरूरी है कि हर काउंसलिंग और हर राउंड के अपने अलग नियम और शर्तें होती हैं। आमतौर पर हर काउंसलिंग के कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा चार राउंड्स होते हैं। हर बच्चे और माता-पिता को काउंसलिंग में भाग लेने से पहले इन नियम और शर्तों को पूरी तरह से समझ लेना बहुत जरूरी होता है। सही जानकारी के अभाव में दाखिले और उस काउंसलिंग में दिए गए सिक्योरिटी डिपॉजिट का भी नुकसान हो सकता है।
नीट स्कोर, डोमिसाइल, कैटेगरी और फीस बजट के हिसाब से एमबीबीएस में एडमिशन की संभावना का सटीक आकलन करें। इसके लिए कुछ अच्छी वेबसाइट (जैसे नीट नेविगेटर, कैरियर360 इत्यादि)हैं।
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दाखिले के आकलन के बाद ये समझें कि आपमें किस-किस मेडिकल काउंसलिंग में हिस्सा लेने की पात्रता है और उनमें से किस-किस में हिस्सा लेना चाहिए। जिस काउंसलिंग में भाग लेना है, उसके प्रॉस्पेक्टस को अच्छे से पढ़ना और समझना चाहिए।
● संभावित कॉलेजों में से अपनी चॉइस लिस्ट बनाएं। इसके लिए कॉलेज की एकेडेमिक गुणवत्ता, क्लिनिकल व्यावहारिक प्रशिक्षण, कॉलेज का इन्फ्रास्ट्रक्चर, फीस, आसान पहुंच, संस्कृति जैसे विषयों पर जानकारी ले कर ही लिस्ट तैयार करनी चाहिए।
● प्रवेश के लिए सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट्स की जानकारी काउंसलिंग के प्रॉस्पेक्टस में होती है। अभिभावकों को काउंसलिंग की फीस देने के लिए ऑनलाइन पेमेंट सर्विसेज को एक्टिवेट करवा लेना चाहिए।
● आवश्यक है कि ये सारी प्रक्रिया छात्र अपने माता-पिता या किसी बड़े की सलाह और मार्गदर्शन में पूरा करें।
● इस दौर के लिए मेडिकल एडमिशन काउंसलर सहायक होगा। लेकिन, विश्वास योग्य एक्सपर्ट को ही संपर्क करें।