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National Mathematics Day 2019: आर्यभट्ट ने ही नहीं बिहार के इन बेटों ने भी गणित में रौशन किया देश का नाम

गणित की चर्चा होते ही बिहार का नाम सबसे पहले आता है। बिहार के कई बेटों ने गणित में प्रदेश का नाम देश के साथ विदेशों में भी रोशन किया है। आर्यभट्ट ने जीरो का फर्मूला दिया।   खगोलीय क्षेत्र में...

National Mathematics Day 2019: आर्यभट्ट ने ही नहीं बिहार के इन बेटों ने भी गणित में रौशन किया देश का नाम
वरीय संवाददाता,पटनाSun, 22 Dec 2019 11:13 AM
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गणित की चर्चा होते ही बिहार का नाम सबसे पहले आता है। बिहार के कई बेटों ने गणित में प्रदेश का नाम देश के साथ विदेशों में भी रोशन किया है। आर्यभट्ट ने जीरो का फर्मूला दिया।
 
खगोलीय क्षेत्र में बिहार का नाम रोशन होने के बाद गणित के कई विद्वान हुए। 70 के दशक में अमेरिका तक बिहार को पहचान देने वाले बशिष्ठ नारायण सिंह का नाम आज भी हर कोई लेता है। 

वहीं वर्तमान में पटना साइंस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. केसी सिन्हा को गणित का हर छात्र जानता है। आनंद कुमार उन बच्चों की प्रतिभा के लिए रास्ता बना रहे हैं, जो इंजीनियरिंग कॉलेज तक पहुंचना चाहते हैं।
 
अमेरिका तक बनायी पहचान : गणित के क्षेत्र में अगर सबसे पहला नाम आयेगा तो गणितज्ञ बशिष्ठ नारायण का। नेतरहाट विद्यालय से पढ़ाई करने के बाद बशिष्ठ नारायण ने पटना साइंस कॉलेज में तीन साल के स्नातक की डिग्री महज दो साल में ले ली। अमेरिका में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की मेधा सूची में पहले स्थान पर आकर बशिष्ठ नारायण ने ज्योमेट्री पर रिसर्च शुरू किया। 

अमेरिका में रहते हुए वे कई कंप्यूटरों के फेल होने पर गणना करके उन्हें ठीक करते थे। उनके गणित के शिक्षक मंगलदेव पांडेय ने बताया कि अपनी मेहनत से वे जीनियस बने। 
 
पहचान बन चुके हैं केसी सिन्हा : गणित की 60 से अधिक किताबें लिख चुके केसी सिन्हा ने गणित को आसान बना दिया, गणित से डरने वाले बच्चे भी गणित पढ़ने लगे। केसी सिन्हा के गणित की किताबों में हर सवाल बहुत आसानी से समझाया गया है। केसी सिन्हा ने बताया कि इंटर स्तर पर किताब पसंद होने के बाद प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए गणित की किताब निकाली जायेगी।

सीबीएसई ने गणित को दो भागों में बांटा
सीबीएसई की मानें तो पिछले तीन सालों में बोर्ड परीक्षा में गणित में सबसे कम रिजल्ट हुआ है। 10वीं बोर्ड के गणित विषय में 70 फीसदी छात्र पास कर पाए हैं। 

गणित में छात्रा की कम रुचि को देखते हुए, 2020 की बोर्ड परीक्षा से सीबीएसई ने गणित को दो भागों में बांट दिया है। कम रुचि रखने वालों के लिए बेसिक गणित और रुचि रखने वाले को स्टैंडर्ड गणित दिया गया। बिहार के 70 फीसदी बोर्ड परीक्षार्थी ने बोर्ड परीक्षा के लिए बेसिक गणित को चुना है। 

बोले स्कूलों के शिक्षक-
गणित के फार्मूले से बच्चे भागते हैं। गणित में कांसेप्ट की जरूरत होती है। यहां पर रटने से काम नहीं चलता है। ऐसे में कई छात्र गणित विषय नहीं पढ़ना चाहते हैं। 
-रमा चक्रवर्ती, शिक्षिका गणित 

गणित में पढ़ना पड़ेगा। गणित में मेहनत करने से छात्र भागते हैं। पिछले कई सालों से कुछ स्टैंडर्ड सवाल पूछे जा रहे हैं। इससे छात्र भाग रहे हैं। 
- संजय जोसफ, गणित शिक्षक

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