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नहीं रहे हिन्दी आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह, जानें उनके बारे में ये बातें

हिन्दी आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह का मंगलवार की मध्य रात्रि यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)  में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। नामवर सिंह गत एक माह से बीमार थे। उनका...

नहीं रहे हिन्दी आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह, जानें उनके बारे में ये बातें
एजेंसी,नई दिल्लीWed, 20 Feb 2019 09:15 AM
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हिन्दी आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह का मंगलवार की मध्य रात्रि यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)  में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। नामवर सिंह गत एक माह से बीमार थे। उनका अंतिम संस्कार दोपहर तीन बजे लोधी रोड शव गृह में किया जाएगा। उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री है। उनकी पत्नी का निधन कई साल पहले हो गया था। 

हिंदी के मशहूर साहित्यकार डॉ. नामवर सिंह का निधन, पढ़ें उनकी ये कविताएं

28 जुलाई 1926 को बनारस के गांव जीयनपुर (अब चंदौली) में पैदा हुए नामवर सिंह ने हिंदी साहित्य में काशी विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने इसी विश्वविद्यालय में पढ़ाया भी।

नामवर सिंह की गिनती देश के बड़े बुद्धिजीवियों तथा विद्वानों में होती थी। उनकी प्रमुख कृतियों में छायावाद,  दूसरी परम्परा की खोज, इतिहास और आलोचना, कहानी: नयी कहानी, हिन्दी  आधुनिक साहित्य की  प्रवृतियां, वाद विवाद संवाद प्रमुख हैं। 

एक मई 1926 को उत्तर प्रदेश के जीयनपुर में जन्मे नामवर सिंह के निधन से हिन्दी साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है। साहित्य अकादमी जनवादी लेखक संघ, प्रगतिशील लेखक संघ एवं जनसंस्कृति मंच ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वह साहित्य अकादमी के फेलो भी थे।

हिंदी के मशहूर साहित्यकार डॉ. नामवर सिंह का 93 साल की उम्र में निधन

नामवर सिंह को उनकी रचना 'कविता के नये प्रतिमान' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। वह जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय में भारतीय भाषा केंद्र के अध्यक्ष और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्विद्यालय के कुलाध्यक्ष भी थे।

प्रसिद्ध लेखक अशोक वाजपेयी, निर्मला जैन, विश्वनाथ त्रिपाठी, काशी नाथ सिंह, ज्ञानरंजन, मैनेजर पांडे, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, असगर वज़ाहत,  नित्यानंद तिवारी तथा मंगलेश डबराल जैसे लेखकों ने श्री सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और हिन्दी साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। 

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