महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से सम्बद्ध तीन आयुर्वेदिक कॉलेज के तीन सौ छात्र अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी उनको अपना कॅरियर खतरे में नजर आ रहा है। बीएएमएस-प्रथम वर्ष के इन छात्रों की परीक्षा विश्वविद्यालय ने इस आधार पर लेने से इंकार कर दिया है कि उनके कॉलेजों को मेडिकल काउंसिल से मान्यता नहीं हैं। इसकी जानकारी होने के बाद छात्रों के अभिभावक भी परेशान हैं। कोई कानपुर, लखनऊ तो कोई आजमगढ़ से विश्वविद्यालय को फोन कर रहा है। अभिभावक चाहते हैं कि छात्रों का भविष्य बचाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले हस्तक्षेप करे।
काशी विद्यापीठ से छह आयुर्वेद कॉलेज सम्बद्ध हैं। उनमें मिर्जापुर के चुनार में स्थित संतुष्टि आयुर्वेदिक कॉलेज, अपेक्स आयुर्वेदिक कालेज और कैथी, चौबेपुर स्थित डॉ. विजय आयुर्वेदिक कॉलेज के 2018-19 बैच के छात्रों की परीक्षाएं विश्वविद्यालय नहीं ले रहा है जबकि तीन अन्य कॉलेजों की परीक्षाएं दो नवंबर से होने जा रही हैं। छात्र इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय और जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। बुधवार को कुछ छात्रों ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से मुलाकात की।
डीएम ने काशी विद्यापीठ के रजिस्ट्रार डॉ. साहब लाल मौर्य से मिलने की सलाह दी। उन्हीं छात्रों में शामिल लखनऊ के तनुज मिश्र के अनुसार रजिस्ट्रार का कहना है कि उनके कॉलेज को सीसीआईएम से मान्यता नहीं है। इसलिए वह परीक्षा नहीं करा सकते हैं। अपेक्स कॉलेज के छात्र सुधांशु मिश्र और हिमांशु मिश्र ने भी यहीं बात बताई। डॉ. विजय आयुर्वेदिक कालेज के छात्र विशाल स्वामी ने बताया कि दो नवंबर से उनकी परीक्षाएं भी होनी चाहिए। सभी छात्र अब तक दो-दो रुपये से अधिक फीस के रूप में जमा कर चुके हैं। कॉलेज प्रबंधन अब कोर्ट के निर्णय आने की बात कर रहा है।
इस बारे में अपेक्स आयुर्वेदिक कॉलेज के डीन डॉ. सुनील मिस्त्री ने बताया कि छात्रों का एडमिशन काउंसिलिंग के माध्यम से प्रदेश शासन के निर्देश पर हुआ था। परीक्षा का पेंच विश्वविद्यालय ने फंसाया है। इस मुद्दे पर कॉलेज कोर्ट में गया है। उम्मीद है कि जल्द ही फैसला आएगा, छात्रों की परीक्षाएं होंगीं। संतुष्टि कालेज के निदेशक डॉ. संजय गर्ग का भी कहना है कि अब कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा है। वहीं, विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. साहब लाल मौर्य का कहना है कि तीनों कॉलेजों के 2018-19 को सीसीआईएम से मान्यता नहीं है। इस वजह से परीक्षा नहीं हो रही हैं। कॉलेज प्रबंझन इस मुद्दे पर कोर्ट में हैं। रजिस्ट्रार का कहना है कि उन्होंने दाखिला कोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत लिया था। उस पर अभी फैसला नहीं आया है। अगर सीसीआईएम मान्यता देता है तो विश्वविद्यालय को परीक्षा कराने में कोई आपत्ति नहीं है।